तुलसी पूजन (Tulsi Pujan) का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. अधिकमास (Adhik Maas) में तुलसी की पूजा का कुछ ज्यादा ही महत्व है. पुराणों के अनुसार, अधिकमास के दिनों में जिस घर में तुलसी की पूजा होती है, वहां सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है. अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु के निमित्त है, लिहाजा भगवान विष्णु के साथ तुलसी की पूजा करने का बड़ा महत्व है. तुलसी की पूजा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) दूर होती है और पॉजिटिविटी (Positivity) आती है. इसके अलावा तुलसी की पूजा से कष्ट दूर होते हैं.
भगवान विष्णु की पूजा के भोग में तुलसी का भोग लगाया जाता है. घर में तुलसी का पौधा होने से पवित्रता बनी रहती है और नकारत्मकता दूर होती है. अधिक मास में सत्यनारायण भगवान की कथा (Satyanarayan Katha) सुनने और महामृत्युजंय का जाप करने से विशेष फल मिलता है. इससे घर के वास्तु दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है. भगवान विष्णु की पूजा से लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं और घर में खुशहाली कायम रहती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को बहुत शुभ माना गया है और हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होना चाहिए. पानी में तुलसी के पत्ते डालकर स्नान करने को तीर्थों में स्नान के बराबर माना गया है. घर में तुलसी का पौधा होने से क्लेष दूर होते हैं और परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. वास्तु दोष को भी दूर करने के साथ-साथ इसके औषधीय गुण से भी हमें लाभ मिलता है.
Source : News Nation Bureau