Barbarik Story: बर्बरीक खाटू श्याम की उपाधि प्राप्त करने का किसी भी ऐतिहासिक घटना में एक महत्वपूर्ण प्रमाण है. बर्बरीक एक महाभारतीय कथा में महत्वपूर्ण पात्र थे और उन्होंने खाटू श्याम की उपाधि को कैसे प्राप्त किया इस रोचक घटना के बारे में आज हम आपको बताएंगे. बर्बरीक भीम और हिधी के पुत्र थे, जो किसी समय महाभारत युद्ध में भाग लेने के लिए तैयार थे. उन्होंने गुरु श्रीकृष्ण से युद्ध का सिक्षा प्राप्त किया था और उन्हें एक शक्तिशाली योद्धा बना दिया गया था.
किस स्थान पर मिला था बाबा खाटू श्याम का शीश?
एक पौराणिक कथा कथाओं के अनुसार, राजस्थान के सीकर में बाबा खाटू श्याम का शीश पाया गया था. जिसके बाद लोगों ने उसी जगह पर खाटू श्याम का मंदिर बनवाया साथ ही कार्तिक माह की एकादशी को उनके शीश को मंदिर में स्थापित किया गया. तभी से इस दिन को बाबा खाटू श्याम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
बर्बरीक से कैसे मिली खाटू श्याम जी की उपाधि
बर्बरीक का एक विशेष शक्ति सिद्धांत था जिसे "शीषा अपहरण" कहा जाता था. इसके अंतर्गत वह अपने शीर्षकों को अलग कर सकते थे और उन्हें अद्वितीय शक्तियों में परिणामित कर सकते थे. इस अद्वितीय क्षमता के बल पर, बर्बरीक ने युद्ध के लिए खुद को तैयार किया था.
महाभारत युद्ध के समय बर्बरीक का योगदान यह रहा कि वह समर्थन देने के लिए अपनी सेना के साथ कुरुक्षेत्र पहुंचे. लेकिन उन्हें एक विचित्र स्थिति में डालने के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे एक प्रश्न पूछा - "किस ओर आप युद्ध लड़ने के लिए हैं?"
इस पर बर्बरीक ने उत्तर दिया कि वह उस पक्ष को समर्थन देगा जो कमजोर होगा और जितने की अपेक्षा ज्यादा कमजोर होगा. इस समझदारी से भरा उत्तर श्रीकृष्ण को बहुत आश्चर्य और हंसी से भर दिया.
श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को एक अद्भुत प्रश्न पूछा, "अगर तुम समर्थन नहीं दे सकते, तो तुम्हारे युद्ध में सभी शक्तिशाली योद्धा मारे जाएंगे। क्या तुम इस जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार हो?"
बर्बरीक ने सहमति दी और उन्होंने खाटू श्याम की उपाधि प्राप्त करने के लिए युद्ध की शुरुआत की. उनकी अत्यधिक शक्ति और उदार बुद्धि के कारण वह युद्ध का सफलता पूर्वक समर्थन देने का संकल्प कर चुके थे. इस रूप में, बर्बरीक ने खाटू श्याम की उपाधि प्राप्त की जिसने उन्हें एक महान योद्धा बना दिया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau