Durga Saptashati Path: दुर्गा सप्तशती, जिसे देवी चंडी या चंडी पाठ भी कहा जाता है, देवी दुर्गा की स्तुति का एक शक्तिशाली ग्रंथ है. यह ग्रंथ मार्कंडेय पुराण का एक भाग है और इसमें 700 श्लोक हैं. दुर्गा सप्तशती पाठ हिंदू धर्म में मां दुर्गा की महिमा और शक्ति का गुणगान करने के लिए किया जाता है. यह पाठ तीन अध्यायों में विभाजित है - मार्कंडेय पुराण में "प्रथम चरित्र", "मध्यम चरित्र" और "उत्तम चरित्र". इस पाठ का पाठविधि कार्य के दौरान बारम्बार किया जाता है, विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान. इसका पाठ दुर्गा की प्रार्थना, स्तुति, और महिमा के साथ उनकी आराधना में समर्पित होता है. यह पाठ श्रद्धालुओं को शक्ति और साहस की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है और उन्हें दुर्गा की कृपा को प्राप्त करने में सहायक होता है. इसके अलावा, यह पाठ ध्यान, संवाद, और अनुष्ठान के रूप में भी कार्य किया जाता है.
दुर्गा सप्तशती पाठ करने के कई महत्व हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. आध्यात्मिक उन्नति: दुर्गा सप्तशती पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है. यह पाठ मन को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है.
2. मनोकामना पूर्ति: दुर्गा सप्तशती पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. देवी दुर्गा भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
3. शत्रुओं पर विजय: दुर्गा सप्तशती पाठ करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. देवी दुर्गा भक्तों को शत्रुओं से बचाव करती हैं और उन्हें विजय दिलाती हैं.
4. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: दुर्गा सप्तशती पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है. यह पाठ घर, परिवार और व्यक्ति से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है.
5. स्वास्थ्य लाभ: दुर्गा सप्तशती पाठ करने से स्वास्थ्य लाभ होता है. यह पाठ बीमारियों से बचाव करने और स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है.
6. ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचाव: दुर्गा सप्तशती पाठ करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचाव होता है. यह पाठ ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन में सुख और समृद्धि लाता है.
दुर्गा सप्तशती पाठ करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. पाठ स्नान करने के बाद, स्वच्छ कपड़े पहनकर, और शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए. पाठ एकाग्रता और श्रद्धा के साथ करना चाहिए. पाठ कम से कम 108 बार करना चाहिए. दुर्गा सप्तशती पाठ देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका है. यह पाठ कई धार्मिक लाभों और महत्व के लिए किया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau