आज यानी 8 अक्टूबर को देशभर में दशहरे का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व को विजयादशमी भी कहते हैं. इस दिन लोग रावण के पुतले को जलाकर भगवान राम की जीत की खुशी मनाते हैं. रावण पर भगवान राम की विजय के कारण इस दिन को विजयदशमी कहा जाता है. इसके अलावा अश्विन मास की शुक्लपक्ष की दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर पृथ्वी को उसके अत्याचार से मुक्त कराया था जिसके बाद इस दिन को विजयदशमी कहा जाने लगा.
क्या है रावण दहन का शुभ मुहूर्त
दशहरा तिथि- 08 अक्टूबर 2019
रावण दहन का शुभ मुहूर्त- दोपहर 02.05 से 02.52 तक
दशहरा विजय मुहूर्त- दोपहर 02.04 से 02.50 तक
दशहरा अपराह्न पूजा समय- 01.17 से 03.36 मिनट तक
क्या है मान्यता?
बताया जाता है कि रावण के वध और लंका विजय के प्रमाण स्वरूप श्रीराम सेना लंका की राख अपने साथ ले आई थी, इसी के चलते रावण के पुतले की अस्थियों को घर ले जाने का चलन शुरू हुआ. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि धनपति कुबेर के द्वारा बनाई गई स्वर्णलंका की राख तिजोरियों में रखने से घर में स्वयं कुबेर का वास होता है और घर में सुख समृधि बनी रहती है.
यही कारण है कि आज भी रावण के पुतले के जलने के बाद उसके अस्थि-अवशेष को घर लाना शुभ माना जाता है और इससे नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती हैं.
रावण के दहन से पहले उसके पूजन की परंपरा
कुंवार माह में शुक्लपक्ष की दशमी को तारों के उदयकाल में मृत्यु पर भी विजयफल दिलाने वाला काल माना जाता है. सनातन संस्कृति में दशहरा विजय और अत्यंत शुभता का प्रतीक है, बुराई पर अच्छाई और सत्य पर असत्य की विजय का पर्व, इसीलिए इस पर्व को विजयादशमी भी कहा गया है. दक्षिण भारत के द्रविड़ ब्राह्मणों में रावण के पुतले के दहन से पहले उसका पूजन करने की परंपरा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो