Dussehra 2020: जिस दिन नवमी तिथि, उसी दिन जलेगा रावण

इस बार 17 अक्टूबर, शनिवार को तुला लग्न व सूर्य की सक्रांति के शुभ संयोग में शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है.

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Sunil Mishra
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Dussehra 2020: जिस दिन नवमी तिथि, उसी दिन जलेगा रावण( Photo Credit : File Photo)

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इस बार 17 अक्टूबर, शनिवार को तुला लग्न व सूर्य की सक्रांति के शुभ संयोग में शारदीय नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है. शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में होना मां भगवती की आराधना करने वालों के लिए बहुत ही शुभ फलदायी साबित होने वाला है, जैसा कि शास्‍त्रों में कहा गया है. शनिवार, 17 अक्‍टूबर को सुबह 11.52 से अगले दिन सुबह 6.32 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इसका फल यह होगा कि अबकी बार नवरात्र के दौरान सभी ग्रह अनुकूल रहेंगे.

दूसरी ओर, इस बार नवमी और दशमी तिथि एक ही दिन 25 अक्‍टूबर को पड़ रही है. इसलिए उसी दिन रावण दहन किया जाएगा. हालांकि दशमी तिथि अगले दिन भी आंशिक रूप से रहेगी, लेकिन चूंकि रावण को रात में जलाया जाता है इसलिए 25 अक्टूबर को नवमी-दशमी तिथि के योग में दशहरा मनाना श्रेयस्कर माना जा रहा है. 

नवरात्रि की बात करें तो सूर्य तुला राशि में तो गुरु व शनि स्वगृही होंगे, जिसका योग बहुत ही फलदायी है. इस बार तिथि क्षय नहीं होने से नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे. वैसे तो नवरात्र की पूजा के लिए कलश स्थापना दिन में कभी भी की जा सकती है लेकिन चित्रा नक्षत्र को त्याज्य माना गया है, जो सुबह 11.52 बजे तक ही है. इसके प्रथम दो चरण का त्याग कर कलश स्थापना की जा सकती है. ऐसे मे तुला लग्न में सुबह 6.32 से 8.50 बजे तक घट स्थापना करना श्रेष्ठ होगा. सुबह 11.51 से दोपहर 12:34 बजे तक तथा द्विस्वभाव लग्न में सुबह 11.51 से 01.13 बजे तक घट स्थापना करना भी उत्तम माना जा रहा है. सुबह 8 से 9.30 बजे तक भी कलश स्‍थापना की जा सकती है. 

इस बार के शारदीय नवरात्रि के नौ दिन में से सात दिन कोई ना कोई विशेष योग बन रहा है. सात दिनों में चार सर्वार्थ सिद्धि योग, दो कुमार योग, एक त्रिपुष्कर योग एवं पांच रवि योग बन रहे हैं. ये योग शुभ कार्य करने व खरीदारी के साथ मां भगवती की आराधना के लिए विशेष फलदायी साबित होंगे. नवरात्र में वाहन, भूमि, भवन, ज्‍वैलरी आदि वस्तुओं की खरीदारी के अधिक दिन मिलेंगे, जो समृद्धिदायक रहेगी.

कब कौनसा योग

  • 17 अक्टूबर : सर्वार्थ सिद्धि योग
  • 18 अक्टूबर : त्रिपुष्कर योग
  • 19 अक्टूबर : रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग
  • 20 अक्टूबर : रवियोग व कुमार योग
  • 21 अक्टूबर : रवि योग व कुमार योग
  • 23 अक्टूबर : सर्वार्थ सिद्धि योग
  • 24 अक्टूबर : रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग
  • 25 अक्टूबर : रवि योग

Source : News Nation Bureau

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