भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण को जिस दिन मारा, उस दिन हम दशहरा (Dussehra 2020) मनाते हैं. दशहरा के दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है और हिंदू धर्म के लोग इस दिन को विजय पर्व के रूप में मनाते हैं. क्या आप जानते हैं कि रावण क्यों मारा गया? आप कहेंगे रावण माता सीता का हरण न करता तो नहीं मारा जाता. लेकिन यह अर्द्धसत्य है. रावण के मारे जाने के पीछे असली कारण उसकी कुंडली में भयानक दोष था. आज हम आपको रावण की कुंडली दोष के बारे में बताएंगे, जिसके चलते वह मारा गया.
रावण की सिंह लग्न की तो भगवान राम की कुंडली कर्क लग्न की थी. दोनों के लग्न में बृहस्पति विद्यमान थे और इसी कारण दोनों पराक्रमी योद्धा था. हालांकि राम के लग्न में विद्यमान बृहस्पति परमोच्च थे, जो राम को विशिष्ट बना दिए. दूसरी ओर रावण की कुंडली में मौजूद राहु के कारण उसकी मति भ्रष्ट हो गई थी और उसे राक्षस की श्रेणी में रख गया. दूसरी ओर, रावण की कुंडली में पंचमेश व दशमेश की युति और उच्च के शनि और बुध के कारण वह महाज्ञानी, विद्वान और अत्यंत पराक्रमी था, जिसे हराना किसी के वश में नहीं था.
वैसे भगवान राम और रावण की कुंडली का योग देखा जाए तो प्रभु श्रीराम की कुंडली में मौजूद बृहस्पति रावण पर भारी पड़े और इसी कारण रावण मारा गया.
Source : News Nation Bureau