Dussehra 2022 Shami Leaves Significance: नवरात्रि में 9 दिन देवी दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है (Shardiya Navratri 2022). इस 9 दिन की पूजा के बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है, जिसे विजयदशमी भी कहते हैं. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरे पर रावण दहन किया जाता है. साथ ही इस दिन शमी की पत्तियां भी बांटी जाती है. चलिए जानते हैं, क्या है इसके पीछे की वजह और क्यों सदियों से चली आ रही है यह परंपरा.
विजयदशमी (Vijayadashami 2022) के दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान शमी पेड़ के ऊपर पांडवों ने अपने हथियार छुपाए थे जिसकी वजह से पांडवों को कौरवों से जीत मिली थी. इसलिए इस दिन शमी (Shami Tree) के पेड़ की पूजा की जाती है जिससे आरोग्य, व धन की प्राप्ति होती है.
दशहरे पर बांटी जाती है शमी की पत्तियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के पेड़ के सामने अपनी जीत की पार्थना की और शमी के पेड़ की पत्तियों को स्पर्श किया जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई. तब से विजयदशमी के दिन शमी की पत्तियों को स्पर्श करने व उसे एक दूसरे को बांटने की परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है विजयदशमी के दिन शमी की पत्तियों को स्पर्श करने व एक दूसरे को देने से सुख-समृद्धि बनी रहती है.
इसके अलावा, जिस साल शमी का पौधा अधिक फलता-फूलता है उस साल सूखे की स्थिति बनने की संभावना होती है. इसलिए किसानों को फसल संबंधित विपत्तियों का पूर्वानुमान लगाने के लिए शमी का पौधा लगाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau