Types of Utensils: राजा-महाराजों के ज़माने से खाना खाने और खाना पकाने के लिए अलग-अलग धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सोने के बर्तन में राजा खाना खाते थे तो एल्मूनियम में कैदियों का खाना दिया जाता था लेकिन इसके पीछे क्या कारण है. क्या आज भी इन धातुओं में खाने से आपका जीवन राजा, मंत्री या चोर, सिपाही जैसा होता है. क्या अंबानी परिवार के लोग सोने के बर्तन में खाना खाते होंगे. खाने के लिए महंगे बर्तनों का इस्तेमाल आम बात है लेकिन ऐसे बर्तन जो आपको राजा या चोर बनाते हैं उनके बारे में आपको सही जानकारी होनी जरुरी है. ऐसे में आपको किस तरह के बर्तन में खाना खाने और पकाने से क्या फायदा होता है या क्या नुकसान होता है आइए जानते हैं.
सोने के बर्तन
सोना एक महंगा मेटल है. सोना लाल, सफ़ेद, और पीले रंग में होता है. लेकिन भारत में सबसे ज्यादा पीला सोना प्रयोग में लाया जाता है. सोने के बर्तन में पहले के राजा महाराजा भोजन करते थे. सोना एक गर्म मेटल है. सोने से बने बरतन में भोजन बनाने और करने से शरीर के हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है. और साथ साथ सोना आंखों की रोशनी बढ़ता है. आंखों को तेज करता है. अगर आप सोने के बर्तन में भोजन करते हैं तो इससे आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति भी मजबूत होती है.
चांदी के बर्तन
सोने के बाद चाँदी दुसरी कीमती मेटल है. चांदी एक ठंडा मेटल है. जो शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाती है... शरीर को शांत रखती है. इसके बरतन में भोजन बनाने और करने के कई फायदे होते हैं, जैसे दिमाग तेज होता है, आंखों का सेहतमंद होना. आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष , कफ और गैस पर भी कंट्रोल होता है. चांदी के बर्तन में खाना खाने से चंद्रमा और शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
कांसा के बर्तन
चांदी के बाद कांसे के बर्तन कीमती होता है. यह चांदी से थोड़ी सस्ती होती है और इसके बर्तन का इस्तेमाल मिडिल क्लास फैमिली में होता है. इसके बने बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, खून प्यूरीफाई होता है. भूख बढ़ती है. लेकिन कांसा खट्टी चीजे नहीं परोसना चाहिए खट्टी चीजे इस मेटल से मिलकर जहरीली हो जाती हैं.
तांबे के बर्तन
तांबा के बने बर्तन का हर घर में पूजा पाठ में भी इस्तमाल में लाया जाता है. इस बरतन का पानी बीमारी से बचाता है. खून को शुद्ध करता है, यादाश्त को अच्छा रखता है, लीवर की समस्या दूर करता है, तांबे का पानी शरीर के टॉकसिक एलीमेंट को खत्म कर देता है इसलिए इस बरतन में रखा पानी सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. लेकिन तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है.
पीतल के बर्तन
कई घरों में पीतल के बर्तन का भी इस्तेमाल होता है. इसमें भोजन पकाने और करने से कई तरह की बीमारियों से मुक्ति मिलती है. पीतल को सोने की तरह पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है.
लोहे के बर्तन
लगभग हर घर में लोहे के बर्तन का प्रयोग भी होता है. इसमें बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढती है, इसमें आयरन होता है. लोहा कई रोग को खत्म करता है. शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता, लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि को नुकसान होता है लेकिन लोहे के बर्तन में पानी पीना अच्छा होता है. वैसे आपको बता दें कि लोहा शनि ग्रह का कारक माना जाता है. इसलिए कुंडली में इस ग्रह को मजबूत करने के लिए आपको लोहे में बना भोजन करना चाहिए.
स्टील के बर्तन
स्टील के बर्तन से नुकसान नहीं होता. इसलिए ये ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुंचता तो नुक्सान भी नहीं पहुंचता. स्टील को भी शनि ग्रह की कारक धातु ही माना जाता है.
एलुमिनियम के बर्तन
एल्युमिनिय बोक्साईट का बना होता है. इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान होता है. यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इसका उपयोग खाना बनाने और खाने में नहीं करना चाहिए. इससे हड्डियां कमजोर होती है , मानसिक बीमारियां होती है, लिवर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए अंग्रेज जेल के कैदी को इसमें खाना परोसा करते था. इसमें खाना खाने से राहु-केतु का प्रभाव पड़ता है.
तो आप भी इन बर्तनों के इस्तेमाल से अपने जीवन को सेहतमंद तो बना ही सकते हैं साथ ही राजा जैसे गुणों वाले जीवन के लिए उसी तरह के बर्तनों में खाना खाकर आप भी अपने जीवन में ये बदलाव ला सकते हैं. इसी तरह की और स्टोरी पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन पर हमारे साथ यूं ही जुड़े रहिए.