Eid 2023 : रमजान के महीने का समापन चांद देखने के साथ ही होता है, जिसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद कहा जाता है. मुस्लिम समुदाए के लोग इस पर्व को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं. ये दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है. जैसे कि ईद और फितर. इसका मतलब यह है कि रमजान के समय कामों में लगी रोक को खत्म करने का ऐलान किया जाता है. इसके साथ ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए अल्लाह को शुक्रिया भी किया जाता है. बता दें, रमजान का पवित्र महीना दिनांक 24 मार्च से शुरु हो गई थी. इसके बाद 29 और 30 रोजा रखने के बाद चांद देखकर ईद का ऐलान किया जाता है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि भारत में ईद कब मनाई जाएगी, हर साल ईद की तारीख क्यों बदलती रहती है, इस पर्व में लोग क्या करते हैं.
ये भी पढ़ें - Akshaya Tritiya 2023 : अक्षय तृतीया के दिन पंचग्रही योग, 4 राशियों को मिलेगा बिजनेस में लाभ
जानें कब मनाई जाएगी ईद
इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से 10वें शव्वाल की पहली तारीख और रमजान के आखिरी दिन चांद का दीदार करने के बाद ही ईद-उल-फितर मनाई जाती है. ईद की सही तारीख का ऐलान चांद को देखकर ही किया जाता है. भारत में इस साल ईद का पर्व दिनांक 22 अप्रैल को मनाया जा सकता है. अगर चांद नजर नहीं आया है, तो एक दिन घट या फिर बढ़ सकता है. अगर चांद 21 तारीख को नजर आएगा, तो 22 अप्रैल को ईद का पर्व मनाया जाएगा.
आखिर क्यों बदलती है हर साल ईद की तारीख
ईद की तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण हर साल बदलती रहती है. क्योंकि यह कैलेंडर चंद्रमा की घटती और बढ़ती चाल के हिसाब से ही गिनी जाती है. जब नया चांद निकलता है, तो इस्लामी माह की शुरुआत होती है. इसी आधार पर ईद का त्योहार मनाया जाता है.
लोग ईद-उल-फितर पर क्या करते हैं?
ईद-उल-फितर यानी कि ईद के दिन रोजा की समाप्ति हो जाती है. महीने भर चलने वाले रोजा के दौरान जो शक्ति और धैर्य मिलती है, उसके लिए अल्लाह का शुक्रिया किया जाता है. मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं. इसके साथ इस दिन लोग एक दूसरे से गले मिलते हैं और ईद मुबारक कहते हैं.