Ekdant Sankashti Chaturthi 2023 : अब ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें इस माह का पहला व्रत चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा. इसे एकदंत संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति भगवान गणेश की पूजा करता है, उसके जीवन के सभी कष्ट, दुख दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को अपार खुशियां मिलती है. इस दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत किया जाता है. इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत पारण का विधि-विधान है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि एकदंत संकष्टी चतुर्थी का शुभ पूजा मुहूर्त क्या है. चंद्रोदय का शुभ समय क्या है. इस दिन का महत्व क्या है.
जानें संकष्टी चतुर्थी कब है
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत दिनांक 08 मई को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
जानें पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की शुरुआत दिनांक 08 मई को शाम 06:18 मिनट से लेकर इसका समापन अगले दिन दिनांक 09 मई को शाम 04 बजकर 08 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रोदय के बाद व्रत का पारण किया जाएगा. बता दें, इस दिन शवि योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.
भगवान गणेश की पूजा - शाम 05 बजकर 02 से लेकर रात 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
शिव योग - दिनांक 08 मई को दोपहर 02 बजकर 53 मिनट से लेकर अगले दिन 09 मई को 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.
जानें चंद्रोदय का समय
इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधि-विधान है. क्योंकि चंद्रमा की पूजा के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है.
इस दिन चंद्रोदय रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगा.
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जानें क्या है संकष्टी चतुर्थी का महत्व
इस दिन को अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए, तो भगवान गणेश की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती है और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है. इस दिन व्रत रखने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसलिए इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान के साथ करें.