Falgun Poornima 2023 : फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्रदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. यह साल की आखिरी पूर्णिमा तिथि है. बता दें, इस साल होलिका दहन और पूर्णिमा दोनों एक साथ मनाई जाएगी, जिसके बाद होली का त्योहार मनाया जाएगा. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि साल की आखिरी पूर्णिमा कब है, पूजा का शुभ मुहुर्त कब है, पूजा विधि क्या है.
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जानें कब है पूजा का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि दिनांक 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 07 मार्च को शाम 06 बजकर 19 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रोदय का समय दिनांक 07 मार्च को 06 बजकर 08 मिनट पर होगा.
जाने क्या है पूजा की विधि
1. पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें.
2. इस दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा करें और व्रत रखें.
3. भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और अबीर चढ़ाएं.
4. पूर्णिमा के दिन खीर और सूजी का भोग लगाएं.
5. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए.
6. इस दिन पति-पत्नी को साथ मिलाकर चंद्रमा के दर्शन करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए.
चंद्र देव की करें आरती
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।