Shakun Shastra: छिपकली का शरीर में गिरना हिंदी ज्योतिष में एक प्रसिद्ध शकुन या अपशकुन के रूप में माना जाता है. यह धारणा है कि जब किसी व्यक्ति के शरीर पर छिपकली गिरती है, तो उसके भविष्य में घटनाओं को प्रभावित किया जाता है. यह शकुन या अपशकुन व्यक्ति के स्थिति और समय के आधार पर भिन्न हो सकता है. ज्योतिष अनुसार, इसे विभिन्न प्रकार की घटनाओं के संकेत के रूप में देखा जाता है. कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं जबकि कुछ लोग इसे अशुभ मानते हैं. इस धारणा के अनुसार, छिपकली का शरीर में गिरना शुभ और अशुभ दोनों के संकेत हो सकता है, जो व्यक्ति के विशेष समय और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. ज्योतिष अनुसार, शरीर में छिपकली का गिरना अलग-अलग समय पर शकुन या अपशकुन के रूप में माना जाता है.
शकुन: कई लोग मानते हैं कि छिपकली का शरीर में गिरना शकुन का संकेत होता है. इसके अनुसार, छिपकली का शरीर में गिरना अच्छे समय का संकेत होता है और यह समय खुशियों और सफलता की ओर इशारा करता है.
अपशकुन: कुछ लोग छिपकली का शरीर में गिरना को अपशकुन का संकेत मानते हैं. इसके अनुसार, छिपकली का शरीर में गिरना बुरे समय का संकेत होता है और यह समय मुसीबतों और आपातकाल का संकेत हो सकता है.
छिपकली के शरीर के हर हिस्से पर गिरने के अलग-अलग मतलब हो सकते हैं. ज्योतिष अनुसार, ये अलग-अलग हिस्से कई प्रकार की घटनाओं या संकेतों को प्रकट कर सकते हैं.
सिर पर छिपकली का गिरना: यह शुभ संकेत माना जाता है और इसे व्यक्ति की भाग्यशाली घटनाओं के संकेत के रूप में देखा जाता है.
कान पर छिपकली का गिरना: यह अच्छे समय का संकेत होता है और व्यक्ति को सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति का अनुकरण करता है.
आँख पर छिपकली का गिरना: यह अपशकुन का संकेत होता है और व्यक्ति को सतर्क रहने के लिए प्रेरित करता है.
गर्दन पर छिपकली का गिरना: इसे अच्छा संकेत माना जाता है और इसे व्यक्ति के लक्ष्यों के प्राप्ति के संकेत के रूप में देखा जाता है.
होंठ पर छिपकली का गिरना: यह शुभ संकेत होता है और इसे व्यक्ति के सामाजिक और पारिवारिक जीवन में समृद्धि के संकेत के रूप में देखा जाता है.
ये विभिन्न मतलब व्यक्ति के धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वासों पर आधारित होते हैं और उनकी विशेष प्रकृति और परिस्थितियों पर भी निर्भर करते हैं.
यह धारणा है कि छिपकली का शरीर में गिरना व्यक्ति के भविष्य में घटनाओं को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह धारणा अनुभव और विश्वास पर निर्भर करती है. कुछ लोग इसे शकुन मानते हैं जबकि कुछ लोग इसे अपशकुन मानते हैं. यह धारणा व्यक्ति के धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वासों पर भी निर्भर करती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau