हमारे देश में कई मंदिर ऐसे हैं, जहां के कायदे-कानून काफी अलग और सख्त है. कुछ मंदिरों में प्रवेश के लिए जहां पारंपरिक पोशाक धारण करनी पड़ती है, तो कहीं शर्ट और पैंट पहन कर पूजा करने की सख्त मनाही होती है. मगर आज हम आपको ऐसे कुछ मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दाखिल होना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं. मसलन यहां गैर हिंदू धर्म के लोग कभी प्रवेश नहीं कर सकते, सिर्फ और सिर्फ हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए ही इन मंदिरों में प्रवेश की मनाही नहीं है...
कपालेश्वर मंदिर, चेन्नई
कपालेश्वर मंदिर, तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित है, जिसे 7वीं शताब्दी में द्रविड़ सभ्यता के दौर में तैयार किया गया था. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर से जुड़ी धार्मिक मान्यता है कि, इसका नाम शिव जी के नाम पर ही रखा गया है. वहीं इस मंदिर में प्रवेश के लिए आपका हिंदू होना आवश्यक है, बगैर उसके आप इसमें प्रवेश नहीं कर सकते हैं.
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर, उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में है. यहां भी गैर हिंदुओं का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इसके पीछे वजह है कि, साल 2012 में एक विदेशी पर्यटक ने मंदिर के अंदर कर्म-कांडों में काफी अड़चन पैदा की थी, जिसके बाद से ट्रस्ट बोर्ड द्वारा ये फैसला लिया गया.
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल के तिरुअनन्तपुरम में स्थित है. ये ऐतिहासिक मंदिर भहवान विष्णु को समर्पित है, जिसे 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर समय के राजा-महाराजाओं ने बनवाया था. इस मंदिर में भी गैर हिंदुओं को मंदिर के अंदर आने की अनुमति नहीं है.
जगन्नाथ मंदिर, पुरी
मशहूर जगन्नाथ मंदिर बंगाल की खाड़ी पर स्थित शहर पुरी, भुवनेश्वर के करीब मौजूद है. इस मंदिर में भी हिंदुओं के अलावा किसी और के दाखिल होने की इजाजत नहीं है. जानकारी के अनुसार, गैर हिंदू यहां दर्शन भी नहीं कर सकते हैं. खुद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को साल 1984 में यहां दर्शन की अनुमति नहीं मिली थी.
गुरुवायुर मंदिर , केरल
गुरुवायरु मंदिर भारत के दक्षिणी राज्य केरल में स्थित है. पांच हजार साल पुराने इस मंदिर में भी केवल हिंदुओं को ही प्रवेश प्राप्त होता है. गैर हिंदू यहां दाखिल नहीं हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau