Must Visit Temple in South India: पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर के फैले हिंदू धर्म के लोग धूमधाम से नवरात्रि का पर्व मनाते हैं. 9 दिनों तक माता दूर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है और विजयदश्मी के दिन रावण दहन का महोत्सव मनाया जाता है. अगर आप दक्षिण भारत में हैं और देवी माता के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जहां हर साल नवरात्रि को बहुत बड़ा उत्त्सव धूमधाम से मनाया जाता है. साउथ में भी देवी माता की पूजा करने वाले लोगों की संख्या बड़ी मात्रा में है. तो आइए जानते हैं केरल के प्रसिद्ध देवी माता के मंदिर कौन से हैं जहां नवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है.
कोट्टयम का पनच्चिक्काड सरस्वती मंदिर
केरल के कोट्टायम जिले के पनाचिकाडु गांव में सरस्वती मंदिर हैं जहां हर साल नवरात्रि का खास आयोजन किया जाता है. यहां स्थित देवी सरस्वती देवी के मंदिर को दक्षिणा मुकाम्बी भी कहा जाता है. यह मंदिर प्रसिद्ध कोट्टायम से 11 किलोमीटर दूर पनच्चिक्काड गांव में स्थित है. मूर्ति को ढकने वाली लताओं की पत्तियां सरस्वती की पत्तियां मानी जाती हैं. यहां के झरने का पानी "देवी" के चरणों को छूता हुआ बहता है और ये भरी गर्मी के समय में भी कभी नहीं सूखता. देवी सरस्वती के साथ-साथ कुछ अन्य देवता भी अलग-अलग मंदिरों में दर्शन देते हैं. वे यहां भगवान शिव, गणपति, नागयक्षी, नागराजा और उनके जैसे उप देवता भी हैं. कोट्टाराथिल संकुन्नी के 'लथिह्यमाला' में इस मंदिर का एक हजार साल से भी अधिक पुराना इतिहास होने का विस्तृत वर्णन है.
यह मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है जो "विद्यारंबम" समारोह यानी बच्चों द्वारा लिखे गए पहले अक्षरों के लिए जाना जाता है. नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर में मनाया जाने वाला विद्यारंभम या एज़ुथिनिरुथु समारोह भारत के कई हिस्सों से यहां आए हजारों भक्तों को आकर्षित करता है. माता-पिता अपने बच्चों को विद्यारंबम के लिए यहां लाते हैं. यहां नवरात्रि उत्सव में रंगारंग कार्यक्रम होते हैं, शास्त्रीय नृत्य और संगीत सहित सभी प्रकार की कलाओं का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव भी मंदिर में नवरात्रि उत्सव की नौ रातों के लिए आयोजित किया जाता है.
मलप्पुरम का तुन्चन परम्ब
दक्षिण भारत का मलप्पुरम का तुन्चन परम्ब मंदिर भी नवरात्रि के खास मौके पर सजाया जाता है. यहां विजय दश्मी का जश्न भी देखने लायक होता है. लोग दूर-दूर से यहां आते हैं.
तिरुवनंतपुरम का आट्टुकाल भगवती मंदिर
दक्षिण भारते के तिरुवनंतपुरम का आट्टुकाल भगवती मंदिर में इतना जबरदस्त मेला लगता है कि लोग इसका तुलना प्रयागराज में लगने वाले कुंभ के मेले से करते हैं. हर त्योहार पर यहां भव्य आयोजन किया जाता है.
तृश्शूर का गुरुवायूर श्री कृष्णा मंदिर
दक्षिण भारत के गुरुवायूर में ऐतिहासिक श्री कृष्ण मंदिर को दक्षिण का द्वारका कहते हैं. इस मंदिर में जन्माष्टमी, नवरात्रि, दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के मौके पर खास आयोजन किया जाता है
एर्नाकुलम का चोट्टानिक्करा देवी मंदिर
महालक्ष्मी के एक रूप को समर्पित चोट्टानिक्करा देवी मंदिर केरल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. ये मंदिर भारत के केरल राज्य में एर्नाकुलम जिले के कोच्चि शहर के दक्षिणी उपनगर चोट्टानिक्करा में स्थित है. यहां हर साल और खासकर नवरात्रि के मौके पर दूर-दूर से लाखों श्रद्धालू आते हैं.
Source : News Nation Bureau