February 2024 Vrat Tyohar List: साल का दूसरा माह यानि फरवरी शुरू होने में बस अब कुछ ही दिनों का समय बाकी रह गया है. हिंदू पंचांग में फरवरी को फाल्गुन का माह कहा जाता है. वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार फरवरी माह में षटतिला एकादशी, प्रदोष व्रत , मासिक शिवरात्रि बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा, माघ अमावस्या, कुंभ संक्रांति जैसे कई व्रत-त्योहार आएंगे. ऐसे में पंचांग के अनुसार कौन सा व्रत और त्योहार फरवरी में कब है ये हम आपको बता रहे हैं. ऐसे में फरवरी 2024 में कितने व्रत और त्योहार ये पूरा कैलेंडर नीचे देखें.
6 फरवरी 2024 दिन मंगलवार षटतिला एकादशी
षटतिला एकादशी, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रती लोग अष्टमी के दिन सिर्फ एक बार भोजन करते हैं. यह एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को विशेष आदर्श रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि में मनाया जाता है.
7 फरवरी 2024 दिन बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला एक हिन्दू व्रत है. इस व्रत को प्रदोष का व्रत भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव और पार्वती माता की पूजा की जाती है. विशेष रूप से कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को इस व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. व्रती इस दिन उपवास करते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. इस दिन का व्रत शिव पूजन और पर्वती माता की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है. यह व्रत श्रद्धालुओं के द्वारा पूरे भारत में मनाया जाता है और विशेष रूप से उत्तर भारत में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
8 फरवरी 2024 दिन गुरुवार मासिक शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि, हिन्दू धर्म में वर्ष के प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. यह विशेष रूप से शिव भक्तों द्वारा महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन शिव पूजा करने का विशेष महत्व होता है और भक्त इस दिन को ज्यादा पुण्यकाल के रूप में मानते हैं. भक्त इस दिन नीत और निरंतर जागरण करते हैं और शिवलिंग का पूजन करते हैं. इस दिन को भगवान शिव का ध्यान करके और मन को पवित्र रखकर विशेष प्रार्थना की जाती है. इसके अलावा, शिव पुराण में इसे अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है और इसे मनाने से प्राप्त होने वाले पुण्य का संख्यात्मक लाभ माना जाता है.
9 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार माघ अमावस्या
माघ अमावस्या, हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण तिथि है जो माघ मास के अंत में आती है. यह तिथि हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है. माघ मास के अंत में अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विभिन्न तीर्थस्थलों पर स्नान करने और पितृ तर्पण करने का विशेष महत्व माना जाता है. लोग इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, कावेरी, गोदावरी आदि के तट पर जाकर स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों को तर्पण देते हैं. इस दिन को धर्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए भी बहुत महत्व दिया जाता है.
13 फरवरी 2024, मंगलवार कुंभ संक्रांति
कुंभ संक्रांति, हिन्दू पंचांग में माघ मास के कृष्ण पक्ष की एक महत्वपूर्ण तिथि है जो सूर्य का मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करने का समय होता है. इस दिन को हिंदी कैलेंडर के अनुसार 'कुंभ संक्रांति' और दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार 'थैप्पियार संक्रांति' भी कहा जाता है. कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन सूर्य अपनी दक्षिणी यात्रा की शुरुआत करता है, जिसे 'उत्तरायण' कहा जाता है. इस दिन को विशेष रूप से पुणे, नासिक, और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों पर मनाने का परंपरागत महत्व है. लोग इस दिन नहाने, दान करने और प्रयाग स्नान करने के लिए तीर्थ स्थलों पर जाते हैं. इस संक्रांति को माघ मास का आखिरी दिन माना जाता है, और इस दिन को धार्मिक क्रियाओं और सामाजिक गतिविधियों के साथ मनाने का परंपरागत तरीका है.
14 फरवरी 2024 दिन बुधवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
बसंत पंचमी, हिन्दू पंचांग में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन को विशेष रूप से माँ सरस्वती की पूजा और आराधना का अवसर माना जाता है. इस दिन को बसंत पंचमी के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है 'वसंत का पांचवा दिन'. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा और विद्या की आराधना की जाती है. विद्यार्थियों और कलाविदों को इस दिन विशेष रूप से विद्या मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बच्चों को इस दिन पढ़ाई की शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया जाता है और उन्हें विद्या के लिए आशीर्वाद दिया जाता है. इस दिन कई स्थानों पर विद्यालयों और संस्थानों में सरस्वती पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्र और शिक्षक सम्मिलित होते हैं और विद्या के लिए प्रार्थना करते हैं.
20 फरवरी 2024 दिन मंगलवार जया एकादशी
जया एकादशी, हिन्दू पंचांग में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस व्रत का महत्व विशेष रूप से विष्णु भक्तों के बीच अधिक है. जया एकादशी का आयोजन विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, झारखंड और बिहार में उत्साह के साथ किया जाता है. जया एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा की जाती है, और भक्त उन्हें समर्थ, सौंदर्यपूर्ण, और विजयी स्वरुप के रूप में पूजते हैं. इस व्रत को करने से विशेष रूप से संसारिक कष्टों और दुर्भाग्य से मुक्ति प्राप्त होने की कथा है. जया एकादशी को विशेष भक्ति भावना के साथ मनाने से विशेष आशीर्वाद माना जाता है और इसे विशेष धार्मिक उत्सव के रूप में देखा जाता है.
21 फरवरी 2024 दिन बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
प्रदोष व्रत, हिन्दू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस व्रत का महत्व विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और आराधना में होता है. प्रदोष व्रत का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है, लेकिन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को इस व्रत का विशेष महत्व होता है. व्रती इस दिन उपवास करते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. इस दिन को भगवान शिव और पार्वती माता की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष रूप से माना जाता है. व्रती इस दिन अहिंसा, सत्य, और ध्यान की प्राप्ति के लिए समर्पित होते हैं. इस व्रत को करने से प्रदोष काल में शिव पूजन का विशेष फल मिलता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
24 फरवरी 2024 दिन शनिवार माघ पूर्णिमा व्रत
माघ पूर्णिमा व्रत, हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. यह व्रत हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. माघ पूर्णिमा व्रत को भगवान विष्णु की पूजा और आराधना का अवसर माना जाता है. व्रती इस दिन उपवास करते हैं और विष्णु भगवान की पूजा करते हैं. यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए माना जाता है और इस दिन को विशेष भक्ति भावना के साथ मनाया जाता है. माघ पूर्णिमा व्रत को करने से विशेष रूप से प्राप्त होने वाले फल का उल्लेख पुराणों में किया गया है और इसे मनाने से धर्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है.
28 फरवरी 2024 दिन बुधवार संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी, हिन्दू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक उत्सव है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है. यह उत्सव प्रतिमा व्रत के रूप में जाना जाता है और इसे विशेष उत्सव और आध्यात्मिक शक्ति के साथ मनाया जाता है. संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश के उपासना, पूजा, और व्रत के रूप में मनाया जाता है. विशेष रूप से महिलाएं और कन्याएं इस दिन व्रत रखती हैं और गणेश जी की कृपा और आशीर्वाद की कामना करती हैं. इस दिन को श्रद्धालुओं द्वारा धार्मिक और परंपरागत रूप में मनाया जाता है और उत्सव के दौरान विशेष प्रार्थनाएँ और पूजा की जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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Source : News Nation Bureau