Sri Sri Ravi Shankar: बच्चों की परवरिश माता-पिता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है. हमें अपने बच्चों को स्वस्थ, सजीव और समर्पित व्यक्तित्व के साथ पालने की जिम्मेदारी होती है. इसके साथ ही, उन्हें सामाजिक और नैतिक मूल्यों को समझाना भी महत्वपूर्ण है। यहां हम आपको बच्चों की परवरिश कैसे करें के बारे में श्री श्री रविशंकर जी के विचारों के बारे में बताएंगे. श्री श्री रविशंकर, जिन्हें आमतौर पर गुरु जी के रूप में जाना जाता है, एक आध्यात्मिक गुरु और विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता हैं. उनका उद्दीपन, संदेश, और योगदान लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने में सहायक हैं. श्री श्री रविशंकर जी का जन्म 13 मई 1956 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने बाल्यकाल से ही ध्यान और आध्यात्मिकता की ओर ध्यान दिया. आध्यात्मिक गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की और अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की. उनका उद्दीपन लोगों को सच्चे जीवन के मार्ग पर ले जाने में मदद करता है. श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग की स्थापना की, जो लोगों को जीवन में संतुलन और सुख की खोज में मदद करता है.
मूल मंत्र: स्नेह, समर्पण, संवेदनशीलता
श्री श्री रविशंकर जी के अनुसार, बच्चों को परवरिश करते समय स्नेह, समर्पण, और संवेदनशीलता का बहुत महत्व होता है. उनका कहना है कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ सहयोग करते हुए उन्हें नैतिक और सामाजिक मूल्यों को समझने में मदद करनी चाहिए.
बच्चों को स्वतंत्रता दें
बच्चों को अपने विचारों का अभिव्यक्ति करने की स्वतंत्रता देना भी महत्वपूर्ण है. श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए कि वे अपने सोच के अनुसार कैसे काम करें.
आदर्श आदतें प्रारंभ में ही सिखाएं
बच्चों को आदर्श आदतें प्रारंभ में ही सिखाना चाहिए. उन्हें सही और गलत की पहचान करने की क्षमता को विकसित करना चाहिए. इसके लिए माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए और उन्हें अच्छे नैतिक मूल्यों की सिख प्रदान करनी चाहिए.
अधिक फिजिकल एक्टिविटी को प्रोत्साहित करें
बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी को प्रोत्साहित करना चाहिए, जैसे कि खेलना, खुद को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना. यह उनके सामाजिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है.
बच्चों की परवरिश में स्नेह, समर्पण, संवेदनशीलता, आदर्श आदतें, और फिजिकल एक्टिविटी को महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. माता-पिता को अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताना और उनकी आदतों को समझने की कोशिश करनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau