Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2022 : अगर आप पिछले कुछ समय से कोई अच्छा काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो आपके इंतजार का वक्त जल्द ही खत्म होने वाला है. क्योंकि एक खास तिथि नजदीक है. इस तिथि पर अगर आप कोई भी शुभ काम या नया काम शुरू करेंगे तो निश्चित रूप से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे. हम जिस तिथि की बात कर रहे हैं वो है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी. ये दिन 11 नवंबर शुक्रवार से रात से शुरू हो रही जो 12 नवंबर शनिवार तक है. दरअसल मार्गशीर्ष महीने की चतुर्थी को ही गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है.
इस दिन किस देव की करें पूजा?
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि, चतुर्थी तिथि में भगवान गणेश की सच्चे दिल से पूजा- पाठ करने से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन रात को चंद्र देवता का पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है. तो आइए हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का पूजा-मुहूर्त क्या है, सिद्धी योग कब है, इस दिन व्रत रखने का क्या महत्त्व है.
गणाधिप संकष्टि चतुर्थी कब है?
हमारे धार्मिक हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के चतुर्थी तिथि यानी की दिनांक 11 नवंबर, दिन शुक्रवार को रात 10:25 से शुरू होकर दिनांक 12 नवंबर, दिन शनिवार को रात 8:17 मिनट तक रहेगा.
पूजा मुहूर्त क्या है?
दिन शनिवार, 12 नवंबर को गणाधिप संकष्टि का शुभ मुहुर्त सुबह 08:02 मिनट से लेकर सुबह 9:23 मिनट तक रहेगा, वहीं इसके बाद दोपहर में इसका शुभ मुहूर्त 01:26 से लेकर शाम 04 :08 मिनट तक रहेगा. वहीं चंद्र उदय का समय 08:21 मिनट तक है,इस दौरान जो लोग व्रत रखेंगे,वह चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर लें.
व्रत का महत्त्व क्या है ?
जो लोग गणाधिप संकष्टि चतुर्थी का व्रत रखते हैं, उनके जीवन से सभी प्रकार के संकटों दूर हो जाते हैं,रिद्धि-सिद्धि का विशेष योग बनता है. इसके अलावा धन-धान्य में भी वृद्धि होती है.
HIGHLIGHTS
- गणाधिप संकष्टि चतुर्थी कब है?
- इस दिन किस देव की करें पूजा?
- पूजा मुहूर्त क्या है?
- व्रत का महत्त्व क्या है ?
Source : News Nation Bureau