13 सितंबर से बप्पा अपने भक्तों पर कृपा बरसाने आ रहे है। गणेश चतुर्थी को लोग त्योहार की तरह मनाते हैं। इस उत्सव में गणपति जी की मूर्ति घर में स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है। संकल्प करने के बाद इस मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है। माना जाता है कि गणेश जी पूरे दस दिन अपने माता-पिता से दूर रहते है और फिर वह दस दिन बाद उनके पास लौट जाते है।
गणेश चतुर्थी को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों पर है। ऐसे में तरह-तरह की रंग-बिरंगी गणपति मूर्तियों से बाजार भी सज चुके है। गौरी पुत्र गणेश की मूर्ति खरीदने के लिए भक्तों की भीड़ भी देखी जा रही है। हर कोई बप्पा के रंग में रंगे नजर आ रहे है। बाजारों में 100 रुपए से लेकर 51 हजार तक की गजानन जी की मूर्तियां मौजूद है। हर कोई अपनी हैसियत और श्रध्दा के अनुसार उनकी मूर्ति की खरीददारी कर रहें है।
भक्तो में गणपति उत्सव को लेकर काफी उत्साह और खुशी देखी जाती है। गणेश चतुर्थी के दौरान मूर्तिकारों की भी अच्छी कमाई हो जाती है। बप्पा हर किसी के दुख को हर लेते है इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है।
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बता दें कि मान्यता के अनुसार श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।
Source : News Nation Bureau