अपने सभी भक्तों का विघ्न हरने आज गणपति बप्पा हर घर में पधारेंगे. पूरे 10 दिन चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत आज यानि 22 अगस्त से हो गई है. गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन कोरोना की वजह से इस बार बप्पा कि पूजा सादगी से मनाई जाएगी.
हर साल ये त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की जन्म की खुशी में मनाया जाता है और अगले 10 दिनों तक श्रद्धा भाव से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. गणेश चतुर्थी के पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता पर अपने भक्तों के घर आते है और उनके सारे विध्न हर लेते हैं.
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भगवना गणेश की पूजा में उनकी आरती का विशेष महत्व होता है बिन इसके पूजा अधूरी मानी जाती है. तो बप्पा की पूजा करते वक्त गणेश आरती करना बिल्कुल न भूलें. यहां पढ़िए भगवान गौरी पुत्र गणेश की पावन आरती.
भगवान गणेश जी की आरती (Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
Source : News Nation Bureau