कोरोना काल के बीच आज घर-घर गणपति बप्पा पधारेंगे. आज यानि शनिवार से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) शुरू हो गया है, जो कि पूरे 10 दिन तक चलेगा. गणपति उत्सव हर साल बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस साल बप्पा कि पूजा सादगी से मनाई जाएगी. वहीं कोरोना वायरस की वजह से महाराष्ट्र में भी गणेश चतुर्थी की रौनक गायब रहेगी.
गौरी पुत्र गणेश के भक्त इसबार घर में ही बप्पा की पूजा-अर्चना करेंगे. भगवान भी सबसे पहले यही चाहेंगे कि उनके सभी भक्त सुरक्षित रहे इसलिए कोरोना से बचते हुए इस साल घर पर ही गणपति उत्सव मनाएं. तो आइए इस मौके पर जानते बप्पा की पूजा करने की पूरी विधि.
और पढ़ें: Corona Era : ऑनलाइन हुए गणपति बप्पा; जूम, फेसबुक, गूगल पर होगी आरती-दर्शन
हर साल ये त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की जन्म की खुशी में मनाया जाता है और अगले 10 दिनों तक श्रद्धा भाव से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. गणेश चतुर्थी के पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता पर अपने भक्तों के घर आते है और उनके सारे विध्न हर लेते हैं.
शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि आरंभ- 21 अगस्त रात 11.02 बजे से लेकर 22 अगस्त रात 7.57 बजे
पूजा मुहूर्त- 22 अगस्त सुबह 11 बजकर 6 मिनट से लेकर 1 बजकर 42 मिनट
पूजा के लिए जरूरी सामग्री
गणपति की मूर्ति को घर में स्थापित करने के समय सभी विधि विधान के अलावा जिन सामग्री की जरूरत होती है, वो इस प्रकार हैं. शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, मधुपर्क, सुगंध चन्दन, रोली सिन्दूर, अक्षत (चावल), फूल माला, बेलपत्र दूब, शमीपत्र, गुलाल, आभूषण, सुगन्धित तेल, धूपबत्ती, दीपक, प्रसाद, फल, गंगाजल, पान, सुपारी, रूई, कपूर.
गणेश चतुर्थी की पूजा करने से पहले नई मूर्ति लाना जरूरी है. इस प्रतिमा को आप अपने मंदिर या देव स्थान में स्थापित कर सकते हैं लेकिन इससे पहले भी कई खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर आप गणपति जी की मूर्ति को किसी कारण स्थापित नहीं कर सकते तो एक साबुत पूजा सुपारी को गणेश जी का स्वरूप मानकर उसे घर में रख सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
- शुभ लाभ के लिए गणपति जी को प्रतिदिन 5 दूर्वा जरूर अर्पित करें.
- प्रसाद में प्रतिदिन पंचमेवा जरूर रखें.
- भगवान के चरणों में 5 हरी इलायची और 5 कमलगट्टे रखें.
- दूर्वा को हर रोज बदल दें लेकिन हरी इलायची और कमलगट्टे को अंतिम दिन तक ऐसे ही रहने दें.
- पूजा समाप्त होने के बाद कमलगट्टों को लाल कपड़े में बांध कर रख लें और इलायची का प्रसाद बांट दें.
ये भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2020: जानिए क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी और क्या है इसका महत्व
गणेश मंत्र-
1. ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
विवाह में हो रही है देरी तो ये मंत्र बनाएगा आपका काम. विवाह का संयोग बनने के साथ ही मनपसंद जीवनसाथी भी मिलता है.
2. ॐ गं नमः
आर्थिक मामलों में आ रही अड़चनें दूर होती हैं, उनमें बढ़ोतरी होती है और नौकरी में आ रही समस्याओं का भी समाधान होता है.
3. गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
इस मंत्र के उच्चारण से काम में आने वाली बाधाएं दूर होंगे और आत्मबल की प्राप्ति होगी.
4. ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
काम में आ रही अड़चनों को दूर करने, आलस्य, कलह और निराशा मिटाने के लिए इस मंत्र का जाप करें.
Corona Era : ऑनलाइन हुए गणपति बप्पा; जूम, फेसबुक, गूगल पर होगी आरती-दर्शन
Source : News Nation Bureau