10 सितंबर को बड़े धूमधाम से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. इसको लेकर हिंदू धर्म में खास उल्लास रहता है. सनातन परंपरा में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है. साथ ही विद्या, बुद्धि देवता, विघ्न विनाशक, समृद्धि, शक्ति और सम्मान देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है. अपने हर काम में मंगल और विजय प्राप्त करने के लिए लोग शुभता की प्रतीक भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं. मंगल मूर्ति के जन्मोत्सव के तौर पर यह त्योहार मनाया जाता है. इस बार का गणेश चतुर्थी कई मंगलकारी संयोग लेकर आ रहा है.
इन ग्रहों का है संयोग
इस साल गणेश चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं जो इस त्योहार को और भी खास बना रहे हैं. 10 सितंबर 2021 को गणेश चतुर्थी के दिन बुध और मंगल कन्या राशि में युति करेंगे तथा शुक्र और चंद्रमा की युति तुला राशि में होगी. तुला राशि शुक्र की अपनी राशि है और शुक्र और चंद्रमा को महिला प्रधान ग्रह माना जाता है, इसलिए इन दोनों की युति इस भाव में होने से महिलाओं के लिए यह गणेश चतुर्थी अत्यंत शुभकारी रहेगी.
वाद-विवाद से रहें दूर
मंगल और बुध की युति बुध की राशि कन्या में होने से लोगों को बेकार के वाद-विवाद से दूर रहने की जरूरत है. जब मंगल की ऊर्जा जुबान रूपी बुध को मिलती है तो वह कड़वी हो जाती है और लोगों का मन भेदने लगती है, जिससे शत्रु उत्पन्न होते हैं और शरीर में भी विकार होने लगते हैं. खुद भगवान गणेश ज्यादा बोलते नहीं है. गणेश को मौन का देवता भी कहा जाता है.वो सबसे मधुर वाणी में बात करते थे. कम लेकिन वजनदार बात बोलने के लिए वो जाने जाते हैं. उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती थी. इसलिए कम बोलिए और प्यार से बात कीजिए.
सूर्य और शनि की स्थिति
इस दिन की अच्छी बात यह है कि इस दिन सूर्य और शनि अपनी-अपनी राशियों में होंगे. समाज और सरकार के लिए यह अत्यंत सुखद स्थिति रहेगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त :11:03 बजे से 13:33 बजे तक
यानि पूजा का मुहूर्त दो घंटे 30 मिनट तक माना गया है.
शुभ मुहूर्त अपराह्न 12:18 बजे से चतुर्थी तिथि की समाप्ति रात 9:57 बजे तक है.
समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है: 09:12 बजे से 20:53 बजे तक
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