Ganesh Chaturthi 2022 Puja Vidhi: हर साल बड़े ही धूम धाम से गणपति उत्सव मनाया जाता है. बड़े पैमाने पर गणपति बाप्पा की देशभर में सवारी निकलती है. इस साल 10 दिनों तक चलने वाला महापर्व गणेशोत्सव 31 अगस्त, दिन बुधवार से शुरू हो चुका है. पहले दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर घर-घर भगवान गणपति विराजें हैं. वहीं, इस पर्व का समापन 9 सितंबर, दिन शुक्रवार को होगा. ऐसे में आइए जानते हैं भगवान श्री गणेश को मोदक के अलावा और कौन कौन से व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए. साथ ही, गणेश चतुर्थी के पीछे की रोचक कथा के बारे में भी जानेंगे.
गणेश चतुर्थी 2022 श्री गणेश भोग (Ganesh Chaturthi 2022 Shri Ganesh Bhog)
1. मोदक
मोदक गणपति की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में से एक है. मोदक को कई तरह से बनाया सकता है. इसे मेवे, खोया और चावल के आटे भी बनाया जा सकता है. मोदक को गणेश चतुर्थी के अवसर पर बनाया जाता है. नारियल, गुड़, केसर, जायफल, पानी, घी, चावल का आटा आदि का इस्तेमाल कर मोदक बनाए जा सकते हैं.
2. श्रीखंड
श्रीखंड एक इंडियन स्वीट है जिसे दही से बनाया जाता है, और ये महाराष्ट्र और गुजरात में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. इसे गणेश चतुर्थी पर बना सकते हैं.
3. मोतीचूर लड्डू
भगवान गणेश को मोदक के अलावा लड्डू भी बहुत पसंद हैं. मोतीचूर के लड्डू भोग में उन्हें चढ़ाए जाने वाले सबसे आम भोग में से एक है. जिसे आप गणेश चतुर्थी के मोके पर बना सकते हैं.
4. पाथौली रेसिपी
पाथौली एक स्टीम्ड स्वीट डिश है जो त्योहारों के दौरान बनाई जाती है, खासकर गणेश चतुर्थी के दौरान. इसको बनाने के लिए हल्दी की पत्ते, डोसा चावल, मुट्ठी भर चपटा चावल, नारियल बूरादा, गुड़, इलायची पाउडर, की आवश्यकता होती है.
5. बादाम की बर्फी
बादाम की बर्फी बनाना काफी आसान होता है. इसको बनाने के लिए बादाम, चीनी और दूध जैसी साधारण सामग्री की आवश्यकता होती है. इसे आप गणेश चतुर्थी पर बना के भोग में चढ़ा सकते हैं.
6. केला शीरा
केले का शीरा बनाने में आसान और टेस्टी है, जो भगवान गणेश को प्रसाद में चढ़ाई जाती है. इसे मैश किए हुए केले, सूजी और चीनी से बने शीरे से बनाया जाता है. यह हलवा जैसा होता है.
7. सतोरी
सतोरी एक महाराष्ट्रीयन मीठी चपटी रोटी है, और महाराष्ट्र के सबसे पसंदीदा रेसिपीज में से एक है. इसे खोया या मावा, घी, बेसन और दूध से बना बनाया जाता है. आप इसे गणेश चतुर्थी के मौके पर बना सकते हैं.
गणेश चतुर्थी 2022 कथा (Ganeshj Chaturthi 2022 Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने स्नान के लिए जाने से पूर्व अपने शरीर के मैल से एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसे विनायक नाम दिया. पार्वती जी ने उस बालक को आदेश दिया कि जब तक वह स्नान गृह से बार नहीं आ जातीं तब तक विनायक किसी को भी भीतर न जाने दें. कुछ समय पश्चात जब भगवान शिव वहां आए और माता पार्वती से मिलने हेतु स्नान कक्ष में प्रवेश करने लगे तब विनायक ने उनका रास्ता रोक दिया.
शिव जी के अनेकों बार समझाने के बाद भी जब विनायक नहीं मानें तो महादेव ने अपने त्रिशूल से उनका वध कर दिया. जिसके बाद बालक विनायक का सिर उनके धड़ से अलग जा गिरा. पुत्र की चीख सुन जब माता पार्वती बाहर आईं तो अपने पुत्र को मृत अवस्था में देखना उनका क्रोध जागृत हो गया और रौद्र रूप धारण कर वह रुदन करने लगीं.
जिसके कारण पृथ्वी समेत समस्त ब्रह्मांड पर विनाश का खतरा मंडराने लगा. सारे देवता एकत्रित हो गए सभी ने पार्वती जी को मनाया पर वे नहीं मानी. तब शिवजी ने विष्णु भगवान से कहा कि किसी ऐसे बच्चे का सिर लेकर आये जिसकी मां अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो.
विष्णुजी ने तुरंत गरूड़ जी को आदेश दिया कि ऐसे बच्चे की खोज करके तुरंत उसकी गर्दन लाई जाए. गरूड़ जी के बहुत खोजने पर एक हथिनी ही ऐसी मिली जो कि अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही थी. गरूड़ जी ने तुरंत उस बच्चे का सिर लिया और शिवजी के पास आ गये.
शिवजी ने वह सिर गणेश जी के लगाया और गणेश जी को जीवन दान दिया, साथ ही यह वरदान भी दिया कि अब से गणेश सर्व प्रथम पूजे जाने वाले देवता होंगे. इसी कारण से अब जब भी किसी भी घर में कोई भी शुभ कार्य होता है तो सर्व प्रथम गणेश पूजा ही किया जाता है.