Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को धूमधाम से मनाई जाती है. भारत के हर कोने में ॐ गण गणपतये नमः, ॐ श्री गणेशाय नमः की गूंज सुनाई देती है. खासकर मुंबई में इस त्योहार का अद्भुत जोश और उत्साह देखने को मिलता है. पर क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा भी कुछ ऐसे देश हैं जहां गणेश चतुर्थी उसी धूमधाम से मनाई जाती है. ये मुस्लिम देश कौन से हैं और यहां कैसे बप्पा को पूजा जाता है आइए जानते हैं.
इन मुस्लिम देशों में भी मनायी जाती है गणेश चतुर्थी
पाकिस्तान में भी गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है. भले ही पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन वहाँ के हिंदू और कुछ मुस्लिम समुदाय मिलकर गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते हैं. कराची के एक हजारों साल पुराने गणेश मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान विशेष अनुष्ठान होते हैं और भक्तजन गणेश जी की पूजा करते हैं.
इसके अलावा, अफ्रीकी देशों जैसे घाना में भी गणेश जी की पूजा होती है. वहां के हिंदू और मुस्लिम मिलकर गणेश चतुर्थी मनाते हैं. घाना में हिंदू आबादी दिन-ब-दिन बढ़ रही है और वहां गणेश मंदिरों की स्थापना हो चुकी है. वहां के लोग भी भगवान गणेश को बहुत आदर और श्रद्धा के साथ पूजते हैं.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम बहुल देश में भी भगवान गणेश की पूजा होती है. इंडोनेशिया में लगभग 87% आबादी मुस्लिम और 1.68% आबादी हिंदुओं की है. फिर भी वहां गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है. इंडोनेशिया में महाभारत और रामायण जैसे हिंदू धर्मग्रंथों का भी महत्व है. इंडोनेशिया में भगवान गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित है. खास बात यह है कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी यहां गणेश जी की पूजा में भाग लेते हैं.
इसके अलावा भी दुनिया के कई हिस्सों में इसे मनाया जाता है, जैसे चीन, तिब्बत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान. यहां तक कि जापान में गणेश जी को कांगितेन नाम से पूजा जाता है. कांगितेन जापानी बौद्ध धर्म में गणेश जी का ही रूप माने जाते हैं और वहां कई रूपों में उनकी पूजा की जाती है. गणेश जी की महिमा पूरी दुनिया में फैली हुई है. चाहे कोई भी धर्म हो, श्रद्धा और विश्वास के आगे कोई भी धर्म सीमित नहीं रह जाता. गणेश चतुर्थी का यह पर्व धार्मिक विविधता और एकता का प्रतीक है, जो न केवल भारत बल्कि विश्वभर में मनाया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)