हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं थीं. गंगा दशहरा का बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन विधि-विधान से मां गंगा की पूजा- अर्चना की जाती है. मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा दशहरा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भारत और दुनिया भर में हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है. यह सबसे शुभ त्योहारों में से एक है और पवित्र मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है, इसलिए इस अवधि के दौरान देवी गंगा की पूजा की जाती है.
यह त्यौहार 10 दिनों की अवधि तक चलता है और इसे गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है, यह निर्जला एकादशी से ठीक एक दिन पहले शुरू होता है, जो भगवान विष्णु के भक्तों के लिए एक और महत्वपूर्ण दिन है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ के पूर्वजों की आत्माओं को एक श्राप से मुक्त करने के लिए देवी गंगा ज्येष्ठ के महीने में दशमी पर पृथ्वी पर अवतरित हुईं. इस दिन, भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पवित्र नदी में डुबकी लगाने से पिछले और वर्तमान के सभी पाप धुल जाते हैं. लोग यह भी मानते हैं कि नदी के पानी के औषधीय लाभ हैं और यह बीमारियों को ठीक करता है. हिंदू कैलेंडर 1 के अनुसार, गंगा दशहरा ज्येष्ठ के महीने में, शुक्ल पक्ष या पूर्णिमा पखवाड़े के दौरान होता है.
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
20 जून रविवार को गंगा दशहरा है
दशमी तिथि 19 जून को शाम 6:45 बजे शुरू होगी
दशमी तिथि 20 जून को शाम 4:21 बजे समाप्त होगी
हस्त नक्षत्र 18 जून को रात 9:38 बजे शुरू होगा
हस्त नक्षत्र 19 जून को रात 8:29 बजे समाप्त होगा
व्यतिपात योग 17 जून को दोपहर 12.29 बजे से शुरू हो रहा है
व्यतिपात योग 18 जून को दोपहर 12.26 बजे समाप्त होगा
HIGHLIGHTS
- यह त्योहार पवित्र मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है
- यह त्यौहार 10 दिनों की अवधि तक चलता है
- इसे गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है
Source : News Nation Bureau