Ganga Dussehra 2022 Dos and Donts: हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा जी धरती पर अवतरित हुईं थीं और इस दिन को गंगा दशहरे के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा सेवन यानी गंगा स्नान करने से अनजाने में हुए पाप और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. पुराणों में उल्लेख है कि इस दिन यदि गंगा में स्नान करने वालों को दस प्रकार के पाप से मुक्त होने लाभ मिलता है. इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है. आइए जानते हैं कि गंगा स्नान के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चहिए.
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- गंगादशहरा के दिन गंगा तट पर स्नान के दौरान शरीर के मैल को गंगा में नहीं रगड़ना चाहिए.
- स्नान के बाद अपने कपड़ों को घाटों में भी नहीं धोना चाहिए.
- प्लास्टिक और अन्य अजैविक पदार्थों को घाटों में फेंकने के बजाए कूड़ादान में ही डालें.
- सूतक काल में कभी भी गंगा स्नान नहीं करना चाहिए, ऐसा करना कष्ट का भागी बना सकता है.
- गंगा स्नान के बाद शरीर को कभी पोछें नहीं. ऐसा करने से गंगा सेवन का लाभ कम हो जाता है.
- गंगा स्नान करते समय सबसे पहले अपने ईष्ट देव और सूर्य को प्रणाम करें.
- स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल चढ़ाएं.
- इस दिन गंगा में डुबकी लगाकर ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें. इससे आपके पापों का प्रायश्चित हो जाता है.
- गंगा दशहरा के दिन दान का विशेष महत्व दिया गया है. दान देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या कम से कम 10 होनी चाहिए.
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गंगा दशहरा का महत्व
ऐसा माना गया है कि गंगा दशहरा के दिन जो मनुष्य गंगा स्नान करके पूजा पाठ और दान करता है, उसके सारे पापों का नाश हो जाता है. भगवान विष्णु ऐसा करने वालों से प्रसन्न होते हैं. इस दिन पूजा करते समय मां गंगा के मंत्र- 'ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः' का जाप करना चाहिए.