Advertisment

Ganga Dussehra 2022 Dwar Patra: गंगा दशहरा के दिन घर के दरवाजे पर इस अमूल्य वस्तु को लगाना होता है शुभ, दसों दिशाओं के देवताओं से मिलता है दिव्य आशीर्वाद

Ganga Dussehra 2022 Dwar Patra: गंगा दशहरा के दिन घर के मुख्य द्वार पर द्वार पत्र लगाया जाता है. द्वार पत्र को इतना शुभ माना गया है कि इसके सकारात्मक प्रभाव से गंगा दशहरे के दिन दसों दिशाओं से देवताओं का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है.

author-image
Gaveshna Sharma
एडिट
New Update
ganga impotance

गंगा दशहरे के दिन घर के दरवाजे पर इस अमूल्य वस्तु को लगाना होता है शुभ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Ganga Dussehra 2022 Dwar Patra: हर साल ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का शुभ पर्व मनाया जाता है. इस साल गंगा दशहरा 9 जून, गुरुवार यानी कि आज है. इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना का विधान है. इस दिन घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की भी परंपरा है. इस दिन हर व्यक्ति को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर द्वार पत्र लगाना चाहिए. मान्यता है कि द्वार पत्र लगाने से बहुत अधिक लाभ होता है. मां गंगा का उद्गम स्थान गंगोत्री, उत्तराखंड में है. गंगा दशहरा के पावन दिन उत्तराखंड के हर घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की परंपरा है. मान्यता है कि द्वार पत्र लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. द्वार पत्र को इतना शुभ माना गया है कि इसके सकारात्मक प्रभाव से गंगा दशहरे के दिन दसों दिशाओं से देवताओं का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है.  

यह भी पढ़ें: Gayatri Jayanti 2022 Mantra Secret Power: गायत्री मंत्र के अक्षरों में छिपी हैं ये गुप्त शक्तियां, जानें इससे होने वाले लाभ

द्वार पत्र का महत्व
'द्वार पत्र' लगाने से घर में नकारात्मकता शक्तियां प्रवेश नहीं कर सकती हैं. द्वार पत्र को घर में लगाने में घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इन द्वारपत्रों को लगाने से घर पर प्राकृतिक आपदाओं का भय नहीं होता है.

ऐसा होना चाहिए द्वार पत्र
वर्गाकार कागज के टुकड़े पर वृताकार आकार में होते हैं जिसमें घेरे के चारों ओर त्रिभुजाकार डिजाइन बना होता है. कमल की पंखुरियों के समान और मध्य में भगवान श्री गणेश, मां गंगा, मां लक्ष्मी, श्री हनुमान और भगवान शंकर का चित्र बना होता है. 

"द्वार पत्र" में कुछ श्लोक भी लिखे होते हैं...

अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च।
जैमिनिश्च सुमन्तुश्च पञ्चैते वज्र वारका:।।1।।

मुने कल्याण मित्रस्य जैमिनेश्चानु कीर्तनात।
विद्युदग्निभयंनास्ति लिखिते च गृहोदरे।।2।।

यत्रानुपायी भगवान् हृदयास्ते हरिरीश्वर:।
भंगो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा।।3।।

उप-चुनाव-2022 Ganga Dussehra 2022 Ganga Dussehra 2022 Dwar Patra गंगा दशहरा द्वार पत्र का महत्व गंगा दशहरा पर क्यों लगाया जाता है द्वार पत्र गंगा जल रखने के नियम
Advertisment
Advertisment
Advertisment