Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी, जिसे वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी और गंगा स्नान दिवस के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह हर साल वैशाख मास की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गंगा सप्तमी के दिन ग्रहों की शांति के लिए भी पूजा की जाती है. महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सौभाग्य के लिए भी पूजा करती हैं. गंगा सप्तमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, व्रत और पूजा करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं. यह दिन हमें अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और धर्म का पालन करने की प्रेरणा देता है.
गंगा सप्तमी के दिन क्या करें ?
गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. अगर गंगा नदी तक जाना संभव न हो तो घर में ही गंगाजल से स्नान कर सकते हैं.
सूर्यदेव को गंगा नदी का शुद्धिकरण करने वाला माना जाता है. इसलिए गंगा सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए.
गंगा सप्तमी के दिन दान-पुण्य करने से पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए.
गंगा सप्तमी के दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन निर्जला व्रत या फलाहार का व्रत रखा जा सकता है.
भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें. गंगा नदी को भगवान विष्णु और शिव का प्रिय माना जाता है. इसलिए गंगा सप्तमी के दिन इन दोनों देवताओं की भी पूजा करनी चाहिए.
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गंगा सप्तमी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम
मांस-मदिरा का सेवन न करें. गंगा सप्तमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. यह दिन सात्विकता का दिन माना जाता है.
झूठ न बोलें,इस दिन सत्य बोलना और किसी को भी कष्ट न पहुंचाना चाहिए.
बुजुर्गों का अपमान न करें.गंगा सप्तमी के दिन बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए.
नकारात्मक विचारों से दूर रहें. इस दिन मन को शांत रखना चाहिए और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau