भगवद गीता, जिसे 'गीता' के रूप में भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों में से एक है. यह महाभारत के 'महाभारत' खंड के भीतर स्थित है और भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को युद्ध के भीतर अद्भुत उपदेशों का देने का वर्णन करती है. भगवद गीता भारतीय संस्कृति में एक अद्वितीय स्थान रखती है. इसे 'योगशास्त्र' का उत्कृष्ट भेद माना जाता है, जो मानव जीवन को संतुलित, सकारात्मक और आध्यात्मिक रूप से देखने का एक विस्तृत धारणा प्रदान करता है...
भगवद गीता में कई महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं, जैसे कर्मयोग, भक्तियोग, और ज्ञानयोग. भगवद गीता गीता न केवल धार्मिक धारणाओं का प्रचार करती है, बल्कि यह जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव को प्रोत्साहित करती है. यह ज्ञान और विचार की अद्वितीय खजाना है, जो मनुष्य को उसके जीवन के हर क्षण में मार्गदर्शन करता है.
1. धर्म का अर्थ: भगवद गीता में धर्म के अर्थ को समझने की महत्वपूर्ण सिख मिलती है.
2. कर्म योग: यह बताता है कि कर्म कैसे निष्काम बनाए और जीवन में उत्कृष्टता कैसे प्राप्त की जा सकती है.
3. भक्ति योग: भगवद गीता भक्ति योग के माध्यम से भगवान के प्रति श्रद्धा की महत्वपूर्णता को बताती है.
4. ज्ञान योग: इसमें बताया गया है कि आत्मज्ञान कैसे प्राप्त किया जा सकता है और जीवन को कैसे समझा जा सकता है.
5. मोक्ष का मार्ग: भगवद गीता अध्यात्मिक उत्थान के लिए मोक्ष का सच्चा मार्ग बताती है.
Source : News Nation Bureau