Ghosts on Mount Everest: क्या आप जानते हैं कि नेपाल जिसे धरती का शिरोमणि कहा जाता है वो भूतिया कहानियों और प्राकृतिक रहस्यों का घर भी है. इन डरावनी जगहों पर हुई किसी भी घटना को तथ्य या मिथक नहीं माना जा सकता क्योंकि ये उन लोगों के अनुभव है जो इन जगहों पर गए थे. नेपाल दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट का घर है, जो दुनिया भर के पर्वतारोहियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण है. हर साल दुनियाभर के 35,000 से अधिक पर्यटक इस विशाल पर्वत का अनुभव करते हैं. 1924 में एक अंग्रेज पर्वतारोही ने माउंट एवरेस्ट पर 1924 के ब्रिटिश एवरेस्ट अभियान में भाग लिया. उनके दोस्त जॉर्ज मेलोरी पहली बार एवरेस्ट पर चढ़ रहे थे. कुछ समय चढ़ाई के बाद मेलोरी एवरेस्ट की उत्तर पूर्वी सीमा पर पहुंचकर गायब हो गए. आखिरी बार लोगों ने उन्हें शिखर से कुछ 100 मीटर की दूरी पर देखा था. सालोंसाल तक उनके परिवार और दोस्तों ने एवरेस्ट पर उन्हें ढूंढने की कोशिश की और सैकड़ों असफल प्रयास के बाद साल 1999 की गर्मियों में मेलोडी का शव मिला. हालांकि, इरविन का शव कभी नहीं मिला.
आत्मा दिखने का दावा (Is Mount Everest a spiritual place?)
कहानी का रहस्यमय हिस्सा ये है कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास करने वाले पर्वतारोही आज भी दावा करते हैं कि आत्मा (ghosts on Mount Everest) एवरेस्ट पर भटकती हैं. वे कहते हैं कि आत्मा एवरेस्ट पर्वतारोहियों के पास आती हैं और उन्हें हार ना मानने और शीर्ष पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती हैं. कई लोग मानते हैं कि आत्मा इस बात से संतुष्ट नहीं है कि वह दुनिया की इस चोटी पर नहीं पहुंच सकी. जो आत्माएं पर्वतारोहियों से बात करती हैं वो चाहती हैं कि अन्य पर्वतारोही इस चोटी पर जीत हासिल करें.
क्या माउंट एवरेस्ट पर आत्म दिखने का दावा सच है ?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, माउंट एवरेस्ट पर आत्माओं के अस्तित्व का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है. ऊंचाई की बीमारी, ऑक्सीजन की कमी और थकान सहित चरम ऊंचाई पर अनुभव की जाने वाली घटनाओं को अक्सर आध्यात्मिक अनुभवों के रूप में गलत समझा जा सकता है. मरने वाले पर्वतारोहियों की आत्माओं के दावे अक्सर व्यक्तिगत अनुभवों और किंवदंतियों पर आधारित होते हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau