God Krishna: भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ेगा, तब-तब मानव समाज में अन्याय, असहिष्णुता, और संघर्ष की ऊर्जा बढ़ेगी. अधर्म का बढ़ना मानवता के सभी क्षेत्रों में अस्थिरता और असंतुलन का कारण बनता है. यह समाज के विकास और समृद्धि को रोकने वाला अंधकार फैलाता है. अधर्म की बढ़ती हिंसा, अन्याय, और भ्रष्टाचार मानव समाज के नागरिकों के बीच भीड़-भाड़ में असुरक्षा और भय का माहौल पैदा करती है. इससे समाज की सामाजिक संघर्ष और असहिष्णुता की भावना बढ़ जाती है. अधर्म की बढ़ती चरम स्थिति में, मानव समाज में विभाजन और विश्वास की कमी होती है. सामाजिक समरसता और गरीबों के हित की प्राथमिकता खो जाती है. अधर्म का प्रभाव सभी क्षेत्रों में महसूस होता है, जैसे शिक्षा, आर्थिक, और राजनीतिक क्षेत्रों में. धरती पर अधर्म के विरूद्ध समाज को संगठित और सहयोगी बनने की आवश्यकता है. न्याय, समरसता, और सच्चाई के माध्यम से हम सभी को अपनी दायित्वों को पूरा करने में सहायता करनी चाहिए. धर्म, शिक्षा, और सच्चाई के माध्यम से हम समाज को नया दिशा प्रदान कर सकते हैं और अधर्म के प्रभाव को रोक सकते हैं.
समाज में अधर्म फैलने के 10 बड़े नुकसान
सामाजिक विभाजन: अधर्म के फैलने से समाज में विभाजन होता है, जिससे समाज की एकता और समरसता पर प्रभाव पड़ता है.
न्याय की अभाव: अधर्म के कारण न्याय की अभाव होती है और भ्रष्टाचार बढ़ता है, जिससे समाज के सभी वर्गों के लोग प्रभावित होते हैं.
असुरक्षा और भय: अधर्म के प्रभाव से समाज में असुरक्षा और भय का माहौल बनता है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है.
आत्महत्या और मानसिक समस्याएं: अधर्म के कारण लोगों में आत्महत्या और मानसिक समस्याएं बढ़ती हैं, जो समाज के लिए अत्यंत नुकसानदायक होती हैं.
सामाजिक संघर्ष: अधर्म के कारण सामाजिक संघर्ष और असहिष्णुता बढ़ती है, जिससे समाज में आतंकवाद और हिंसा का माहौल बनता है.
अर्थिक हानि: अधर्म के प्रभाव से समाज में अर्थिक हानि होती है, जिससे गरीबी और असहायता का स्तर बढ़ता है.
सामाजिक असुरक्षा: अधर्म के कारण समाज में सामाजिक असुरक्षा का स्तर बढ़ता है, जिससे व्यक्तिगत और सामाजिक सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.
शिक्षा और विकास का रोक: अधर्म के कारण शिक्षा और विकास की प्रक्रिया में रुकावटें आती हैं, जो समाज के सभी वर्गों को प्रभावित करती हैं.
भ्रष्टाचार और असहिष्णुता: अधर्म के प्रभाव से समाज में भ्रष्टाचार और असहिष्णुता की ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे समाज के स्वार्थ को नुकसान पहुंचता है.
सामाजिक संघर्ष और असमानता: अधर्म के प्रभाव से समाज में सामाजिक संघर्ष और असमानता बढ़ती है, जो समाज की एकता और विकास को रोकती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau