Goddess Saraswati: देवी सरस्वती ज्ञान, संगीत और कला की देवी हैं. माना जाता है कि वे वाणी और भाषा की अधिष्ठात्री देवी हैं. हिंदू धर्म में यह एक प्रचलित मान्यता है कि कुछ विशेष समय पर देवी सरस्वती मनुष्य की जुबान पर विराजमान होती हैं. इस अवधि में जो भी बातें कही जाती हैं, वे सत्य होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शब्द शक्ति को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. माना जाता है कि शब्दों में इतनी शक्ति होती है कि वे सृष्टि का निर्माण और विनाश दोनों कर सकते हैं. ऐसे कई शुभ मुहूर्त होते हैं, जिनमें देवी-देवताओं की पूजा करने और मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व होता है.
कब होती है यह स्थिति?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त को सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस समय देवी सरस्वती की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. सरस्वती पूजा के दिन भी यह माना जाता है कि देवी सरस्वती की कृपा दृढ़ होती है. मंत्रों का जाप करते समय भी देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रात: काल 3:10 से 3:15 तक का समय सर्वोत्तम है, युनिवर्स में इस समय सबसे ज्यादा एनर्जी होती है. इस दौरान अगर आप हर रोज सुबह उठकर अपने मन की कामना बोलें तो आपकी वह इच्छा जरूर पूरी होती है. इसके अलावा, प्रात: काल 3:20 से 3:40 के बीच भी सरस्वती जीभ पर विराजमान होती हैं. माना जाता है कि इस समय बोला गया हर वाक्य सरस्वती के जुबान से बोला गया माना जाता है.
जुबान पर सरस्वती का वास एक पौराणिक मान्यता है. यह मान्यता लोगों को सकारात्मक सोच रखने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है. हालांकि, इस मान्यता का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)