दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्व या अन्नकूट त्योहार मनाया जाता है. इस दिन शाम के समय पूजा की जाती है और भगवान को 56 भोग लगाया जाता है. इस साल गोवर्धन पर्व 28 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.मान्यताओं के अनुसार इस दिन भारी बारिश से ब्रज को बचाने के लिये भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था. भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन इंद्र के घमंड को चूर किया था. यह उत्सव कार्तिक माह की प्रतिपदा को मनाया जाता है. इस दिन सुबह-सुबह गाय के गोबर से गोबर्धन बनाया जाता है.
जो मनुष्य के आकार के होते हैं. गोवर्धन तैयार करके उसे फूलों और पेड़ों की डालियों से सजाते हैं. फिर शाम को इसकी पूजा की जाती है. भगवान कृष्ण ने वृंदावन के लोगों से कहा था कि वो प्राकृति की पूजा किया करें, क्योंकि प्राकृति उन्हें सबकुछ उपलब्ध कराती है. इसलिए ही इसदिन से गोवर्धन पूजा की जाती है.
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किन सामग्रीर्यों के साथ होती है गोवर्धन पूजा?
गोवर्धन पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल, खील, बताशे आदि का इस्तेमाल किया जाता है. गोवर्धन में ओंगा यानि अपामार्ग की डालियां जरूर रखनी ज़रूरी होती हैं. लोग इस दिन अपनी दुकानों की पूजा करते हैं. खासकर वो जो लोहे के काम करते हैं.
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गोवर्धऩ पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्द्धन पूजा / अन्नकूट की तिथि: 28 अक्टूबर 2019
प्रतिपदा तिथि: 28 अक्टूबर सुबह 09.08 से 29 अक्टूबर सुबह 06.13 तक
गोवर्द्धन पूजा सांयकाल मुहूर्त: 28 अक्टूबर दोपहर 03.23 से शाम 05.36 तक
कुल अवधि: 02 घंटे 12 मिनट