दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार को गोधन यानि गाय के रूप में लक्ष्मी का पूजन किया गया। गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर आराधना की जा रही है। मुहुर्त के अनुसार सुबह 9 से सुबह 11:45 बजे तक पूजन करना ज्यादा शुभ है।
अपने घर या मंदिर के मेन गेट के सामने सुबह गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बना कर पूजा करते हैं। फिर उसे पेड़ और फूल से सजया जाता है। इसके गोवर्धन पर्वत का अक्षत, फूल के साथ तरीके से पूजा किया जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया भी कहते हैं। इन दिन बहनें भाई का तिलक करती हैं। वहीं, भैयादूज के दिन कायस्थ समाज चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। चित्रगुप्त पूजा सुबह 6:35 से 7:30 बजे तक और लेखनी की पूजा सुबह 11:45 से दोपहर 1:30 बजे तक की जा सकती है।
Source : News Nation Bureau