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योगी आदित्यनाथ नहीं बनेंगे दोबारा सीएम, बीच में ही देना पड़ेगा इस्‍तीफा! जानें अब तक की सबसे बड़ी भविष्यवाणी

Yogi Adityanath Astrological Predictions: ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार योगी आदित्यनाथ की कुंडली में कुछ विशेष योग बने हैं, जो उनकी सफलता के पीछे का कारण माने जा रहे हैं. उनकी कुंडली में सिंह लग्न है और लग्नेश सूर्य, शनि और बुध के साथ कर्म भाव में स्थित हैं.

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Sushma Pandey
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yogi adityanath astrological predictions
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Yogi Adityanath Astrological Predictions:  उत्तर प्रदेश ने बीते समय मे बहुत से अच्छे बदलाव देखे हैं. लेकिन ये सब कुछ वहां की सरकार के कारण ही संभव हो पाया है. अपने क्रिमिनल पास्ट वाले यूपी ने योगी की सरकार के आने के बाद राम राज्य स्थापित किया है. योगी सरकार ने वो सब कुछ कर दिखाया है जो आज तक कोई नहीं कर सका. चाहे अध्यात्म हो या राजनीति, योगी ने दोनों क्षेत्रों मे अपना परचम लहराया है. उत्तराखंड के जन्मे योगी आदित्यनाथ का बचपन से ही आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर झुकाव था लेकिन जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा, तो इसमे भी पूरा जोर लगा दिया. आइए इस लेख में हम आपको बताते हैं योगी आदित्यनाथ की कुंडली के बारे में. 

उत्तराखंड में हुआ है जन्म

 योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था.  पहले उनका नाम अजय सिंह बिष्ट था, हालांकि  बाद में गोरखनाथ मठ के महंत अद्वैतनाथ के शिष्य बनने के बाद उन्होंने अपना नाम योगी आदित्यनाथ रख लिया. 

योगी आदित्यनाथ की कुंडली

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार योगी आदित्यनाथ की कुंडली में कुछ विशेष योग बने हैं, जो उनकी सफलता के पीछे का कारण माने जा रहे हैं.  उनकी कुंडली में सिंह लग्न है और लग्नेश सूर्य, शनि और बुध के साथ कर्म भाव में स्थित हैं.  ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य की ऐसी स्थिति जातक को राजसत्ता और उच्च पद का सुख देती है.  इस कारण योगी आदित्यनाथ को राजनीति में इतनी बड़ी सफलता मिली है. 

शत्रुओं से हमेशा घिरे रहेंगे योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ की कुंडली में पंचम भाव में गुरु स्वग्रही होकर बैठे हैं, जो उनके ज्ञान और विवेक को दर्शाता है.  हालांकि, छठे भाव में राहु का शत्रुहंता योग भी बना हुआ है, जो यह संकेत देता है कि उन्हें हमेशा शत्रुओं से घिरे रहना पड़ेगा.  फिर भी, यह योग यह भी बताता है कि वह अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे और उनसे निपटने में सफल होंगे.  सप्तम भाव में चंद्रमा स्थित हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में कठिनाइयों के संकेत मिलते हैं.  सिंह लग्न और सप्तम भाव में चंद्रमा होने से ऐसा कहा जाता है कि इस स्थिति में जातक को जीवन में वैवाहिक सुख नहीं मिलता है.  

केतु की महादशा

योगी आदित्यनाथ की कुंडली के अनुसार, केतु की महादशा 2017 से 2024 तक चलेगी.  केतु की महादशा के दौरान ही योगी आदित्यनाथ ने 2017 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का चुनाव जीता था, और इस बार भी उन्हें केतु की महादशा का समर्थन मिला है.  ज्योतिष के अनुसार, यह समय उनके जीवन का सबसे स्वर्णिम दौर माना जा रहा है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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