मां दुर्गा की नौ दिवसीय साधना रविवार को घट स्थापना के साथ शुरू हो गई है। इस नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं। आषाढ़ मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। पुराणों के मुताबिक, यह नवरात्र तंत्र विद्या सीखने के लिए विशेष महत्व रखती है।
यही वजह है कि साधक एकांत में रहकर तंत्र साधना कर सिद्धियां प्राप्त करेंगे। गुप्त नवरात्र में मां काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, मां धूमावती, मातंगी, कमला देवी समेत दस देवियों की पूजा की जाती है।
नवरात्र का उत्थापन्न 2 जुलाई को होगा। ऐसे में नौ दिनों का उपवास कर सुबह और शाम को मां दुर्गा की पूजा करें। अष्टमी या नवमी के दिन नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से निसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही घर में सुख और संपन्नता आती है।
Source : News Nation Bureau