Gupt Navratri 2023: पूरे साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है. पहली, चैत्र माह में होने वाली वसंत नवरात्रि से शुरु होती है और दूसरी गुप्त नवरात्रि जो आषाढ़ माह में मनाई जाती है. तीसरी, जो अश्विनी मास का वसंती नवरात्रि है और चौथी माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. यानी कि दो वसंत और दो गुप्त नवरात्रि मनाने की खास परंपरा है. वहीं आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. इस नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता है. तंत्र-मत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत खास मानी जाती है. अब ऐसे में इस साल दिनांक 18 जून को सुबह 11:05 मिनट से आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है और इसकी समाप्ति अगले दिन दिनांक 19 जून को 11:13 मिनट पर हो रही है. इसलिए उदया तिथि के आधार पर दिनांक 19 जून को नवरात्रि मनाई जाएगी.
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जानें कैसे अलग है ये नवरात्रि
दिनांक 19 जून को घर में कलश रखकर नौ दिन तक मां दुर्गा का पाठ करें. इससे घर में सुख-शांति का माहौल रहेगा और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होगी. इसके साथही गुप्त नवरात्रि इसलिए भी आलग है, क्योंकि इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों के साथ-साथ 10 महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की खास पूजा की जाती है.
9 दिन में मां के नौ स्वरूपों की होती है पूजा
आषाढ़ माह के गु्प्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा माता, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी, नौवें यानी आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की खास पूजा की जाती है.
जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत उदयातिथि के हिसाब से दिनांक 19 जून से नवरात्रि से शुरु हो रही है. इश दिन सुबह 05:23 मिनट से लेकर 07:27 मिनट तक कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त है.