इस साल 12 नवंबर को पूरे देश में धूमधाम से गुरु ग्रंथ साहिब का 550वां प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा. गुरु नानक जयंती को 'गुरु पर्व' के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को सिख धर्म में 'प्रकाश उत्सव' भी कहा जाता है. इस खास मौके पर देशभर के गुरुद्वारा को दुल्हन की तरह सजाया जाता है तो वहीं कीर्तन और लंगर की खास व्यवस्था की जाती है. हिंदू पंचाग के मुताबिक, गुरु पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. गुरुग्रंथ सिख सम्प्रदाय का सबसे प्रमुख धर्म ग्रंथ माना है. 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया था. इसमें कुल 1430 पृष्ठ है.
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माना जाता है कि गुरु नानक जी ने अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, धर्मसुधारक, देशभक्त और कवि के गुण समेटे हुए थे. गुरु पर्व के दिन सुबह 5 बजे प्रभात फेरी निकाली जाती है. इसके बाद लोग गुरुद्वारों में कथा का पाठ सुनते हैं. इसके बाद निशान साहब और पंच प्यारों की झाकियां निकाली जाती है. इसे नगर कीर्तन के नाम से भी जाना जाता है.
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गुरु नानक देव की 10 शिक्षाएं
ईश्वर एक है
सदैव एक ही इश्वर की उपासना करो
ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है
ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता
ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए
बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं
सदैव खुश रहना चाहिए. ईश्वर से हमेशा अपने लिए माफी मांगनी चाहिए
मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत को भी कुछ देना चाहिए
सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं
भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोभ-लालच और संस्कृति बुरी है