Guru Pradosh Vrat 2024: आज 18 जुलाई 2024, आषाढ़ मास का दूसरा प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से सभी पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत कुंडली में मौजूद ग्रहों के दोषों को दूर करने में भी सहायक होता है. गुरु प्रदोष व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी विशेष फलदायी माना जाता है. इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ रखने से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह व्रत विवाहित जोड़ों के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है. जो दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है.
शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल: शाम 4:33 बजे से 7:06 बजे तक
त्रयोदशी तिथि का मुहूर्त: शाम 6:08 बजे से 8:39 बजे तक
गुरु प्रदोष व्रत का अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
व्रत विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. अपने घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें और भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करने के बाद आप भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, बेल पत्र, फल और फूल अर्पित करें. अब धूप और दीप जलाएं और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप का कम से कम 108 बार जाप करें. प्रदोष काल के दौरान भगवान शिव की पूजा करने के लिए आप "शिव चालीसा" या "शिव स्तुति" का पाठ भी कर सकते हैं. रात्रि में व्रत का पारण करें और फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद भोजन ग्रहण करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau