गाली निकालना सामान्य बात नहीं है. अगर आपके आसपास कोई अपशब्द का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करता है तो उस पर माना जाता है कि उसके कुंडली के ग्रहों का प्रभाव है. ज्योतिष्शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह और राहु ग्रह की युति होती है तब अंगारक योग का निर्माण होता है जो उस व्यक्ति में क्रोध, चिड़चिड़ापन पैदा करता है और उसका उसकी वाणी के नियंत्रण खत्म कर देता है जिस कारण वो गाली जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल करने लगता है. ऐसे लोग बिना सोचे समझे कुछ भी बात करते हैं और किसी भी बात पर किसी से भी लड़ जाते हैं. इस ग्रह दोष का प्रभाव सिफ वाणी पर ही नहीं बल्कि कुछ लोगों के शरीर पर भी देखने को मिलता है.
अपशब्द बोलने के क्या होते हैं परिणाम
जब व्यक्ति अपशब्दों का इस्तेमाल करता है तब उसके आसपास की ऊर्जा नकारात्मक हो जाती है. ऐसे लोगों के बनते काम बिगड़ने लगते हैं इन्हें भारी आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को अचनाक से एक के बाद एक नुकसान होने लगता है. बैठे-बैठे बिना बात पर इनके पैसे खर्च हो जाते हैं. कई बार ऐसे लोगो बुरी तरह से कर्जों में भी डूब जाते हैं.
क्या है इसका समाधान
कुंडली के दूसरे, तीसरे और आठवें भाव का हमारी भावनाओं और वाणी पर बहुत प्रभाव पड़ता है. राहु और मंगल की उपस्थिति आपकी भाषा को और भी अधिक कठोर बना देती है. ऐसे में आपको कुंडली में राहु ग्रह को मजबूत करने का उपाय करना चाहिए. राहु ग्रह को मजबूत करने के लिए कुछ उपायों का पालन किया जा सकता है, जो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं.
राहु मंत्र:
राहु के मंत्र का जाप करना एक तरीका है उसकी शांति के लिए. राहु का मंत्र है:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः।
राहु की पूजा:
राहु की पूजा करना भी इस ग्रह को प्रसन्न करने में मदद कर सकता है। राहु की पूजा के दौरान विशेष रूप से काले तिल, अरंडी का तेल, काली उड़द की दाल, शिंगाड़ा विदूर, और साबूदाना का उपयोग किया जा सकता है.
राहु कवच:
राहु कवच का प्रयोग करना भी राहु ग्रह के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है.
रत्न:
राहु को शांत करने के लिए हीरा (Diamond) रत्न का धारण करना सुझावित किया जा सकता है.
राहु की दशा में उपवास:
राहु की दशा में रविवार को उपवास करना भी राहु के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है.
दान:
राहु के उपाय में दान का महत्वपूर्ण स्थान है। काले रंग के कपड़े, सरसों का तेल, खाद्यान्न, जौ, बाजरा, साबूदाना, विदूर, नीला सिन्थु, और ताम्र पत्र दान किए जा सकते हैं.
ध्यान और प्राणायाम:
राहु के प्रभाव को कम करने के लिए ध्यान और प्राणायाम जैसी योगाभ्यासों का अभ्यास करना भी उपयुक्त हो सकता है.
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी उपाय का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली, जन्मचार्ट, और व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है, और इसे विशेषज्ञ ज्योतिषी से सुनिश्चित करना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau