सऊदी अरब में रविवार को पांच दिन की होने वाली वार्षिक हज यात्रा की शुरूआत हो गई है। सउदी अरब ही एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की हज यात्रा में करीब 20 लाख से ज्यादा लोग शामिल हो रहे है। हज यात्रा एहराम, तवाफ, सई, अराफात और मुजदलफा भागों में होती है।
शुक्रवार को ही दुनियाभर के मुस्लिम श्रद्धालु अपने सबसे पवित्र स्थल मक्का के काबा के प्रार्थना स्थल इक्कठा हो गए थे। काबा का तवाफ करने बाद हजयात्री सोमवार को अराफात पर्वत के इलाके में जायेंगे, यहां से वे मुजदलिफा जायेंगे।
बकरीद के बाद रमीजमारात पर पत्थर मारे जाते हैं। रमीजमारात एक ऐसी जगह है, जहां तीन खड़े खंभे हैं।, इन्हीं खंभों को लोग शैतान मानकर उसपर कंकरी फेंकते हैं और इस रस्म के साथ ही हज पूरा हो जाता है।
काबा को अल्लाह का घर और खुदा का रूपक माना जाता है, वहीं अराफात पर्वत पर पैगंबर मोहम्मद ने अपना आखिरी खुत्बा या प्रवचन दिया था।
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सरकार ने इस वर्ष हज समिति के माध्यम से तीर्थयात्रा करने के लिए कुल 1,28,702 भारतीय मुस्लिम श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान की है। जेद्दाह में भारतीय वाणिज्य दूतावास के मुताबिक, 466 फ्लाइट्स से भारतीय श्रद्धालु वार्षिक हज तीर्थयात्रा सउदी अरब पहुंचे। अंतिम फ्लाइट शुक्रवार की सुबह लैंड की है।
साल 2018 की शुरूआत में हज सब्सिडी खत्म हो जाने के बावजूद 1,75,025 भारतीय हज यात्रा के लिए सऊदी अरब पहुंचने का अनुमान है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां अनुकूलन सह प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा था, "आजादी के बाद पहली बार इस साल भारत से 1,75,025 मुसलमान हज के लिए जा रहे हैं। इनमें रिकॉर्ड 47 फीसदी संख्या महिला हाजियों की शामिल है।'
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हजयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
इस बीच सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने हजयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी स्थलों पर 25 अस्पतालों और 155 स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था की है। इसके साथ ही 5,000 बिस्तरों, 180 एंबुलेंस और 100 वाहनों का बंदोबस्त किया गया है, जो मोबाइल मेडिकल यूनिट में तब्दील होने में सक्षम हैं।
हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और यह उन सभी के लिए अनिवार्य है जिनकी आर्थिक व शारीरिक स्थिति इसे करने की है।
IANS के इनपुट के साथ
Source : News Nation Bureau