Halharini Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ही खास महत्व है. वहीं साल में 12 अमावस्या का पर्व मनाया जाता है. जिसमें से एक आषाढ़ माह की अमावस्या भी पड़ती है. इसे हलहरिणी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. यह पर्व खासकर किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन किसान अपने हल की विधि-विधान से पूजा करते हैं. साथ ही पितरों की शांति के लिए विशेष उपाय भी करते हैं. हिंदू पंचांग के हिसाब से आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि दिनांक 17 जून से प्रारंभ हो रही है, जो दिनांक 18 जून को सुबह 10 बजकर 07 मिनट पर समाप्त हो होगी. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में हलहरिणी अमावस्या के महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे, साथ ही इस अमावस्या तिथि का महत्व क्या है.
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जानें हलहरिणी अमावस्या का महत्व क्या है
हलहरिणी अमावस्या का पर्व आषाढ़ माह मे मनाया जाता है और इसी दिन से वर्षा ऋतु का आरंभ भी हो जाता है. यह समय किसानों के लिए बहुत ही खास माना जाता है. क्योंकि इसी समय किसान अपने खेतों में हल से बुआई करते हैं और अच्छी बारिश होने की वजह से किसानों के खेत में फसल की पैदावार भी अच्छी होती है. इसी कारण किसान इस दिन अपने हल की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है.
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जानें क्या है धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पितृदोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन किसी जरूरतमंद को कपड़े, अन्न, तिल, तेल, चावल, छाता, चना दान करने का विधान है. ऐसी मान्यता है कि अमावस्या पर किया गया दान हजार गायों के दान करने के बराबर मानी जाती है.