हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली इस साल 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. रौशनी के इस त्योहरा को भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाया जाता है. मान्यता है कि भगवान राम इस दिन रावण पर विजय प्रप्त कर अयोध्या वापस लौटे थे और उनके स्वागत के लिए पूरे अयोध्या दिए जलाए गए थे. इसी दिन को दिवाली के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन दिए जलाने का भी काफी महत्व होता है. यही कारण है कि इसे दीपों का पर्व कहा जाता है जो अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का भी काफी महत्व है. ऐसे में आपके लिए लेकर आए हैं महा लक्ष्मी की आरती जिसे दिवाली के दिन पढ़ना काफी जरूरी होता है.
मां लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो