एक अप्रैल को पूरी दुनिया में ईसाईयों का महत्वपूर्ण फेस्टिवल ईस्टर मनाया जाता है। देश-विदेश में रविवार को ईस्टर का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है।
यह त्यौहार क्रूस पर चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद ईसा मसीह के फिर से जिंदा हो जाने की याद में मनाया जाता है। इस दिन लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा में भाग लेते है और अपना उपवास समाप्त तोड़ते है।
इसे परिवारों में एक पारंपरिक ईस्टर नाश्ता तैयार किया जाता है, जिसमें 'अप्पम', 'चिकन स्टू', 'बीफ रोस्ट', 'डक करी', 'स्ट्रीम्ड बनानाज', 'एग करी' और 'केक' जैसे व्यंजन शामिल होते हैं।
ईस्टर जिसे ग्रीक, लैटिन में पाश्चा भी कहा जाता है, यह दुनियाभर के ईसाइयों के लिए एक बेहद खास दिन होता है। गुड फ्राइडे के दिन सूली पर चढ़ाए जाने के तीसरे दिन यानी ईस्टर को यीशु फिर से जीवित हो गए थे।
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जीसस ने लोगों को माफ करने का पाठ पढ़ाया लेकिन लोगों ने ही उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। यीशु मसीहा ने मरने से पहले सबको माफ़ कर दिया था। जीसस ने क्रूस पर खून बहा कर मनुष्यों के पापों का प्रायश्चित किया।
जीसस को जिस दिन सूली पर चढ़ाया गया, उसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। इसके दो दिन बाद जीसस फिर से जीवित हो गए। लोगों में नई उम्मीद जाएगी और इसे ईस्टर मनाया जाता है।
ईस्टर के दिन अंडे को एक शुभ स्मारक माना जाता है। कहीं चित्रकारी, कहीं सजाकर और इसे गिफ्ट के रूप में दिया भी जाता है। यह जीवन में नया उत्साह और जीवन जीने के लिए नए उमंग से भरने का संदेश देता है।
केरल में भी ईस्टर का जश्न धूमधाम से मनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में केरल में शराब की बिक्री जोरों पर होती है। केरल की 3.34 करोड़ आबादी में 61.41 लाख लोग ईसाई धर्म के हैं।
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Source : News Nation Bureau