दक्षिण भारत के लोगों के लिए आज का दिन बेहद खास है. आज 10 दिनों तक मनाए जाने वाले ओणम की आज खास पूजा है. ऐसे दक्षिण भारत के लोगों के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस साल ओणम 2 अगस्त से शुरू हो चुका है जो कि 2 सितंबर तक मनाया जाएगा. इसकी खास पूजा आज यानी सोमवार को होगी.
क्या है महत्व?
ओणम को फसलों का त्योहार कहा जाता है. केरल में इस त्योहार को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है. हालांकि दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में भी इसे धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार मलयालम कैलेंडर के चिंगम महीने में मनाया जाता है. मलयाली हिंदुओं का यह नया साल होता है. ओणम के मौके पर भी महिलाएं पारंपरिक सफेद और सुनहरे रंग की साड़ी पहनती हैं और फूल की पंखुड़ियों से खूबसूरत पोक्कलम (फूलों की रंगोली) बनाती हैं. राजा महाबली के स्वागत के लिए घर के दरवाजों पर पोक्कलम बनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि ओणम की शुरूआत राज्य के राजा महाबली के स्वर्ण काल के दौरान हुई थी.
पोकल्लम के जरिए सामाजिक संदेश देने की भी कोशिश की जाती है. इस रंगोली को बनाने के लिए ज्यादातर मुक्कती, कक्का पोवु, मुक्कती, अरिपू, थुम्बा, थेचीपोओवु, हनुमान कीरेडोम और चेथी फूलों का प्रयोग किया जाता है. यह माना जाता है कि 'थुम्बा पू' भगवान शिव का पसंदीदा फूल है और राजा महाबली भगवान शिव का एक बड़ा भक्त था. इस त्योहार की तैयारी 10 दिन पूर्व शुरू हो जाती है.इस त्योहार के पहले आठ दिन फूलों की सजावट का कार्यक्रम चलता है. 9वें दिन हर घर में भगवान विष्णु की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है. दूसरे दिन शाम में मूर्ति विसर्जित किया जाता है.
शुभ मुहूर्त
ओणम उत्सव- 21 अगस्त से 2 सितंबर तक
ओणम मुख्य पर्व थिरुवोणम नक्षत्र तिथि और समय: 30 अगस्त 2020 दोपहर 01:52 से 31 अगस्त 2020 दोपहर 03:04 बजे
Source : News Nation Bureau