हरिद्वार कुंभ मेले (Haridwar Kumbh Mela) में आने वाले श्रद्धालुओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Registration) के लिए वेबसाइट www.haridwarkumbhmela2021.com तैयार कर ली गई है. जल्द ही इसकी लांचिंग की जाएगी. वेबसाइट के लिए एक कार्यालय भी बनाया जाएगा, जहां बैठे कर्मचारी दस्तावेज देखने के बाद श्रद्धालुओं को अनुमति देंगे. रजिस्ट्रेशन के लिए श्रद्धालुओं को कुंभ की ऑफिसियल वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन प्रकिया (Online Applicatio Process) को पूरा करना होगा. आवेदन को अनुमति मिलने के बाद ही हरिद्वार की सीमा के भीतर एंट्री हो सकेगी. कोरोना वायरस गाइडलाइन (Corona Virus Guidelines) को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाया गया है.
रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट को खोलते ही राइट साइड में ट्रैवल रजिस्ट्रेशन का बटन दिया गया है, जिस पर क्लिक करना होगा और फिर अपनी पूरी डिटेल डालनी होगी. रजिस्ट्रेशन के लिए 72 घंटे के भीतर की Covid-19 के RTPCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट भी अपलोड करनी होगी. फिर आपको एक पास मिलेगा और उसी पास को दिखाकर हरिद्वार की सीमा पर एंट्री दी जाएगी. हालांकि अब तक राज्य सरकार की ओर से इस बारे में कोई SOP या दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं कि पोर्टल कब से शुरू किया जाएगा. हालांकि केंद्र की SOP में 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक का समय तय किया गया है.
वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, एड्रेस प्रूफ, आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के अलावा आने और जाने का समय भी डालना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए होटल और धर्मशाला की डिटेल भी देनी होगी और जिस वाहन से आएंगे-जाएंगे, उसका भी डिटेल देना होगा. साथ ही यह भी बताना होगा कि यात्रियों की संख्या कितनी होगी.
शाही स्नान की तारीख
- पहला शाही स्नान: 11 मार्च शिवरात्रि
- दूसरा शाही स्नान: 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या
- तीसरा मुख्य शाही स्नान: 14 अप्रैल मेष संक्रांति
- चौथा शाही स्नान: 27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा
6 अन्य प्रमुख स्नान
- गुरुवार, 14 जनवरी 2021 मकर संक्रांति
- गुरुवार, 11 फरवरी मौनी अमावस्या
- मंगलवार, 16 फरवरी बसंत पंचमी
- शनिवार, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा
- मंगलवार, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (हिन्दी नववर्ष)
- बुधवार, 21 अप्रैल रामनवमी
कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के चलते सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना आसान नहीं होगा. ऐसे में प्रशासन घाटों पर शाही स्नान और विशेष स्नान में श्रद्धालुओं की संख्या तय करने पर विचार कर रहा है. श्रद्धालुओं के लिए मास्क लगाना जरूरी होगा और मास्क न लगाने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. एक अंदाजे के अनुसार, कुंभ मेले में 3500 से डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत होगी.
कुंभ मेला हर 12 साल बाद आयोजित होता है लेकिन इस बार यह 11वें साल में ही आयोजित हो रहा है. साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे, इसलिए इस बार 11वें साल में ही कुंभ का आयोजन किया जा रहा है. कुंभ मेले के आयोजन में सूर्य और देवगुरु बृहस्पति की अहम भूमिका मानी जाती है.
Source : News Nation Bureau