Hartalika Teej 2022 Fulera and Vrat Mahatva: हरतालिका तीज पर फुलेरा बांधने की परंपरा में छिपा है 5 फूलों का रहस्य, मिलता है महादेव की 5 पुत्रियों का आशीर्वाद

Hartalika Teej 2022 Fulera and Vrat Mahatva: इस साल हरतालिका तीज 30 अगस्त 2022, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है.

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Gaveshna Sharma
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Hartalika Teej 2022 Fulera and Vrat Mahatva

हरतालिका तीज पर फुलेरा बांधने की परंपरा में छिपा है 5 फूलों का रहस्य( Photo Credit : News Nation)

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Hartalika Teej 2022 Fulera and Vrat Mahatva: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर साल भाद्रपद महीने की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. यूं तो यह पर्व सुहागिनों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है लेकिन कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत का पालन करती हैं. इस साल हरतालिका तीज 30 अगस्त 2022, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस दिन महिलाएं व्रत रख पूर्ण विधि विधान के साथ महादेव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं और अपने सुहाग की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं. हरतालिका तीज की पूजा में फुलेरा जरूर बांधा जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं हरतालिका तीज के व्रत और इस दिन फुलेरा बांधे जाने के महत्व के बारे में. 

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हरतालिका तीज 2022 फुलेरा का महत्व (Hartalika Teej 2022 Significance Of Fulera)
हरतालिका तीज के पूजन में फुलेरा का विशेष स्थान है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज की पूजा में शंकर भगवान के ऊपर जलाधारी की जगह फुलेरा बांधा जाता है. बता दें कि, फुलेरा फूलों से बनाया जाता है, जिसमें 5 ताजे फूलों की माला का होना अनिवार्य है. मान्यता है कि फुलेरे में बांधी जाने वाली 5 फूलों की मालाएं भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियों (जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली) का प्रतीक हैं.

हरतालिका तीज 2022 व्रत का महत्व (Hartalika Teej 2022 Vrat Mahatva)
सनातन परंपरा में हरतालिका तीज के व्रत का बहुत महत्व है. इस दिन सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. ये व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में शांति बनी रहती है. हरतालिका तीज के व्रत को पूरे विधि-विधान से सही तरीके के साथ करने पर ही लाभ मिलता है. इतना ही नहीं, ये व्रत कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं. कुंवारी कन्याओं द्वारा इस व्रत का पालन अच्छे वर के लिए रखा जाता है. 

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