हरितालिका तीज का त्योहार 30 अगस्त को मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां हर तरफ देखने को मिल रही हैं. हिन्दू धर्म में पति के दीर्घायु की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं हरितालिका तीज या तीजा का व्रत रखती है. इसे हिन्दू धर्म शास्त्रों में सुहाग का सबसे बड़ा व्रत माना गया है. इस पर्व को भारत के साथ नेपाल में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और इसी पर्व के साथ नेपाल के धार्मिक उत्सवों का आगाज होता है. तीज को लेकर सुहागिन महिलाएं काफी उत्सुक रहती हैं. हफ्तों पहले से तीज को लेकर नेपाल के अंदर और भारतीय क्षेत्र में भी जहां-जहां नेपाली मूल के लोग हैं. वहां कई कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाती है.
अपने पारम्परिक परिधानों में सज धज कर नेपाली महिलाएं पारम्परिक गीत और नृत्य प्रस्तुत कर अपनी खुशी का इजहार करती हैं. तीज का त्यौहार हिन्दी महीने के भादो माह में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन भारत और नेपाल में एक साथ मनाया जाता है. इस त्यौहार को लेकर जो उत्साह इस समय दिखाई दे रहा है वो काफी शानदार होता है. अगर आपको नेपाल के उत्सवों का रंग देखना है तो तीज से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता. कई जगहों पर इस त्यौहार से 15 दिन पहले ही उत्सवों का दौर शुरु हो जाता है. महिलाएं सुहाग के प्रतीक लाल परिधानों में सज धज कर मंगल गीत गाते हुए पारम्परिक नृत्य करती हैं.
माना जाता है कि इस त्योहार के जरिए सुहागिन महिलाएं भगवान शिव को पसंद करने की कोशिश करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए उनसे आशीर्वाद मांगती हैं. कुंवारी लड़कियां भी अच्छा पति पाने के लिए इस व्रत को करती हैं और कुछ महिलाएं फलाहारी तो कुछ निराहारी व्रत रखती हैं. गोरखपुर में भी इस समय कई जगहों पर तीज उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारतीय और नेपाली सुहागिन महिलाएं नृत्य कर अपनी खुशी को प्रकट कर रही हैं.
Source : Deepak Shrivastava