Hastrekha Vigyan: हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की रेखाओं का बहुत महत्व है. इन रेखाओं के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है. खासतौर पर, धन और समृद्धि से जुड़ी जानकारी भी इन रेखाओं के जरिए प्राप्त की जा सकती है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हाथ की मणिबंध (कलाई के पास की रेखाएं) और भाग्य रेखा मुख्य रूप से धन से जुड़ी होती हैं. भाग्य रेखा जो हथेली के नीचे से शुरू होकर शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे का हिस्सा) तक जाती है, यह व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिति और सफलता के बारे में बताती है.
धन प्राप्ति की उम्र कैसे जानें?
भाग्य रेखा में अगर कोई साफ, गहरी और बिना टूट-फूट वाली रेखा हो, तो यह संकेत देती है कि व्यक्ति को धन प्राप्ति के अवसर मिलेंगे.
- 25 से 35 साल की उम्र के दौरान अगर रेखा स्पष्ट होती है, तो यह युवावस्था में धन कमाने और सफलता पाने का संकेत देती है.
- 35 से 50 साल की उम्र में रेखा का मजबूत होना मध्यकाल में अपार धन प्राप्ति और स्थिरता का प्रतीक है.
- 50 साल के बाद अगर इस उम्र में रेखा साफ और गहरी रहती है, तो वृद्धावस्था में भी आर्थिक रूप से समृद्ध बने रहने का संकेत मिलता है.
शनि पर्वत का महत्व
शनि पर्वत पर रेखा का उभरना यह दर्शाता है कि व्यक्ति को जीवन में मेहनत और भाग्य के बल पर धन और प्रसिद्धि मिलेगी. अगर भाग्य रेखा शनि पर्वत पर जाकर समाप्त होती है, तो यह अपार धन प्राप्ति का संकेत देती है. अगर भाग्य रेखा टूटी हुई या फीकी हो, तो यह आर्थिक बाधाओं और अस्थिरता का संकेत देती है. ऐसे में पूजा-पाठ, मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण से इन बाधाओं को दूर किया जा सकता है. हाथ की भाग्य रेखा आपके जीवन में धन प्राप्ति की उम्र और अवसरों को दिखाने में मदद करती है. इसे पहचानकर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)