Hayagriva Jayanti 2022 Tithi, Shubh Muhurt aur Mahatva: 'हयग्रीव' भगवान विष्णु के अवतारों में से एक माने जाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से हयग्रीव अवतार ने वेदों के विकास में अपना विशेष योगदान दिया था. इसी कारणवश इन्हें ज्ञान का देवता भी कहा जाता है. माना जाता है कि हयग्रीव भगवान की पूजा करने से जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलता और यही प्रकाश व्यक्ति को सफलता के शिखर तक पहुंचाता है. इस साल हयग्रीव जयंती श्रावण पूर्णिमा के दिन यानी कि आज 11 अगस्त को मनाई जा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं हयग्रीव जयंती का शुभ मुहूर्त और महत्व.
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हयग्रीव जयंती 2022 शुभ मुहूर्त (Hayagriva Jayanti 2022 Shubh Muhurt)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर हो चुका है और समापन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर होगा. ऐसे में आप पूरे दिन में कभी भी पूजा कर सकते हैं.
हयग्रीव जयंती 2022 महत्व (Hayagriva Jayanti 2022 Mahatva)
भगवान विष्णु द्वारा हयग्रीव राक्षस का वध हुआ था. जिसके बाद श्री हरी विष्णु का यह अवतार हयग्रीव अवतार कहलाया. चूंकि इस अवतार में भगवान विष्णु का मस्तक घोड़े का और शरीर इंसान का है. ऐसे में जो भी कोई व्यक्ति भगवान विष्णु के रूप की पूजा करता है उसे हयग्रीव भगवान घोड़े की तरह तेज दिमाग का वरदान देते हैं.
माना जाता है कि भगवान हयग्रीव की पूजा से व्यक्ति न सिर्फ बुद्धिमता हासिल करता है बल्कि उसकी स्मरण शक्ति भी तीव्र हो जाती है. यहां तक कि भगवान हयग्रीव के आशीष से व्यक्ति को किसी भी तरह का कोई भी मानसिक रोग कभी नहीं छूता.
इसके अतिरिक्त, हयग्रीव भगवान की पूजा से व्यक्ति में बुद्धि का इस तरह से विस्तार होता है कि वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है और अपनी बुद्धि के बल पर अपने दुश्मन या विरोधी को भी परास्त कर सकता है.