Kya Kehta Hai Islam: एक बार एक इंसान ने अल्लाह से एक बड़ा ही दिलचस्प सवाल किया. उसने कहा, "ऐ अल्लाह! तू किन लोगों को अमीर बनाता है?" ये सवाल केवल धन-दौलत से भरे जीवन की खोज नहीं था बल्कि इस सवाल में एक गहरी जिज्ञासा भी छिपी थी. वह जानना चाहता था कि अल्लाह किस तरह से चुनता है कि कौन अमीर होगा और कौन नहीं. अल्लाह ने उस व्यक्ति के दिल में उतरते हुए जवाब दिया, "मैं उसी को अमीर बनाता हूं जो अपने अंदर की अच्छाई को पहचानता है. मैं उसे दौलत और समृद्धि देता हूं जो उसे केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी इस्तेमाल करता है. धन मेरा दिया हुआ एक अमानत है, और उसे केवल वे ही लोग सही तरीके से संभालते हैं, जो उसका सदुपयोग करते हैं."
क्यों कुछ लोग अमीर होते हैं और कुछ गरीब?
कहते हैं ये सवाल हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने ही अल्लाह ताला से पूछा था. जिस सवाल का जवाब भी अल्लाह ताला ने दिया था. इसका मतलब यह है कि अल्लाह ताला ही सब कुछ जानते हैं और वो ही तय करते हैं कि किसको क्या देना है. धन-दौलत देना या न देना, यह अल्लाह ताला की मर्जी पर है. वह जिसको चाहे धन-दौलत दे सकते हैं. हमारे कर्मों का भी बहुत बड़ा प्रभाव होता है. अच्छे कर्म करने से धन-दौलत बढ़ती है और बुरे कर्म करने से घटती है. अमीरी और गरीबी दोनों ही इंसान के लिए इम्तिहान होते हैं. अमीर व्यक्ति को शुकरा अदा करना सीखना चाहिए और गरीब व्यक्ति को सब्र करना सीखना चाहिए. इस्लाम धर्म में तकसीम का भी जिक्र है, जिसमें अल्लाह ताला ने सब कुछ एक निश्चित नसीब से बनाया है. हर इंसान को उतना ही मिलता है जितना उसके लिए लिखा होता है.
हमें क्या करना चाहिए?
अल्लाह पर पूरा भरोसा रखने वाले व्यक्ति ही अमीर बनते हैं. इसके साथ ही अल्लाह ने जो कहा उससे यही समझ आया कि जो कुछ हमारे पास है, उसमें संतुष्ट रहना चाहिए. हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए. अल्लाह से धन-दौलत की दुआ करनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि अल्लाह ही सबसे अच्छा जानता है. अमीरी और गरीबी अल्लाह ताला की मर्जी पर है. हमें हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए और अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए. धन-दौलत से ज्यादा ज़रूरी है कि हम इंसान अच्छे बनें. अल्लाह का ये जवाब उस इंसान के लिए एक सीख थी. अमीरी केवल सोने-चांदी या भौतिक संपत्ति से नहीं आंकी जाती.
असली अमीरी तो उस दिल में होती है जो दया, करुणा, और प्रेम से भरा हो. जो व्यक्ति दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है, वही सच्चे मायनों में अमीर होता है. इस्लाम में यह विश्वास किया जाता है कि अल्लाह हर इंसान को उसकी जरूरतों और उसकी नीयत के अनुसार देता है. अल्लाह उन लोगों को धन और दौलत से नवाजता है, जो अपनी दौलत को नेकी और इंसानियत के कामों में लगाते हैं. ऐसे लोग अपनी दौलत को अल्लाह की रज़ा के लिए इस्तेमाल करते हैं, दूसरों की मदद करते हैं, गरीबों की सहायता करते हैं, और समाज में भलाई फैलाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)